Aniket Sen   (© ANIKET SEN)
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Joined 26 March 2018


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Joined 26 March 2018
29 FEB AT 22:09

जब गले लगाओ मुझे तो थोड़ा कम रोना,
आँसूओं की बारिश में भीग जाने वाला हुँ मैं।

मुझसे बेहतर आँसू पोंछने वाला कोई नहीं यहाँ,
हिफाज़त से रख मुझे, ज़िंदगी भर काम आने वाला हुँ मैं।

खुदा करे ऐसा मुक़ाम आये, कि भूल जाओ तुम मुझे,
क्योंकि, यादों में आ-जा कर तुम्हें सताने वाला हुँ मैं।

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29 FEB AT 22:05

कुछ पल के लिए सुला लो मुझे अपनी गोद में,
आँखें खुलते ही, हमेशा के लिए सो जाने वाला हुँ मैं।

तरस जाओगी, अगर चला जाऊं दूर तुमसे,
मुझे ढूँढने निकलोगी, तो खो जाने वाला हुँ मैं।

सिर्फ कल तक की मोहलत देता हुँ तुम्हें,
परसो से फिर नज़र नहीं आने वाला हुँ मैं।

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31 DEC 2022 AT 12:22

हमेशा से गणित के विषय में कमज़ोर रहा हूँ मैं,
पर ज़िंदगी के सुख गिनना और दुःख जोड़ना आता है मुझे।

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17 NOV 2022 AT 21:18

धोखे के इल्ज़ाम में हमें,
इश्क़ की कचहरी में बुलाया गया,

मैं पुख़्ता सुबूत इकठ्ठा करता रह गया,
और उसके एक आँसू पर जीत उसकी हो गयी।

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10 OCT 2022 AT 0:34

जगमगा लूँ मैं दुनियाँ मेरी, हटा कर घूँघट का पहरा तेरा,
एक हाथ में हो चाँद मेरे, और एक हाथ में हो चेहरा तेरा।

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1 OCT 2022 AT 19:29

यहाँ जन्म लेने वाला हिन्दू मुसलमान,
कोई लता मंगेशकर तो कोई सलमान खान हो गया।

कईं हस्तियों ने बनाया है प्रसिद्ध इसे,
होलकर, द्रविड़,महादेवी वर्मा उनका नाम हो गया।

खजराना, अन्नपूर्णा, बिजासन मशहूर है यहाँ,
जहाँ भक्ति ही लोगों का ईमान हो गया।

विश्व की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा है जहाँ,
इंदौर उस खूबसूरत शहर का नाम हो गया।

ख़ुशी से फूले नहीं समाता दिल यह जान कर,
हमारा प्यारा शहर देश की शान हो गया।

इन्दौरियों की यह तो जान हो गया,
हमारे लिए इंदौर एक छोटा हिन्दुस्तान हो गया।

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1 OCT 2022 AT 19:25

सबका दिल इस पर कुर्बान हो गया,
जब स्वच्छता में इसका पहला नाम हो गया।

इसका ख्याल रखने का यहाँ विधान हो गया,
मानों वासियों की यह तो संतान हो गया।

एक समय था जब यह गुमनाम हो गया,
अब इतना नाम है की सबको गुमान हो गया ।

कोई करे पूजा और किसी के लिए अज़ान हो गया,
कोई माने गीता तो किसी के लिए कुरान हो गया।

पोहा जलेबी तो पसंदिता खान-पान हो गया,
राजबाड़ा, लालबाग, शीशमहल चहीता स्थान हो गया।

पेट भरना हो या चखना हो लज़ीज़ स्वाद,
पहली पसंद सराफा तो दूसरी छप्पन दुकान हो गया।

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30 SEP 2022 AT 18:42

वो बार-बार कहा करती थी - "मुझे तुमसे प्यार है"।
फिर यूँ हुआ कि, बार-बार बोला हुआ झूठ, सच मान लिया गया।

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22 SEP 2022 AT 18:34

तलाश है मुझे अब एक नए पते की,
पुराने पते पर उसे, ख़त पकड़ा जाने का डर सताता है।

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22 AUG 2022 AT 18:31

इश्क़, कुआँ, तालाब, बरसात, समंदर और दरिया,
प्यास बुझाने का बस यही है कुछ ज़रिया।

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