ना रुकेगा, ना थमेगा...
वक्त की ये कलाकारी है...
कभी स्कूल तो कभी कॉलेज की...
बचपन से ही दौड़ जारी है...
बड़े हुए तो खुश हो गए...
कमा कर
थोड़े पैरों पे खड़े हो गए...
घर - जिम्मेदारी
परिवार बढ़ाया...
ये जिंदगी की नई खुमारी है...
हर लम्हें को समेट लेने को...
अभी भी दौड़ जारी है...
कोई अपना पास आ गया...
तो कोई अपना दूर हो गया..
समय समय का खेल रहा सब,
अब समय की बड़ी उधारी है...
एक पल को जी लूं फिर से...
जीने की दौड़ जारी है...
सभी दोस्तों के लिए खास... 😀😀😀❣️❣️❣️
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