क्षणिक संध्येत, आसमंताखाली,
ह्रदयाचं गाऱ्हाणं घेऊन आलो असतो।
हुंदकेही ऐकवले असते कानगोष्टी समवेत,
जर त्याचं क्षणी तुला भेटलो असतो.....-
Marathi Writer .....
Shayar
Software Engineer
ज्यादा कुछ कहु और आप समझ जाओ ... read more
You never know, behind the curtain of these innocent eyes i have left the the tears willingly unknown!
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वो कहते हैं कि आप, शायरी कमाल की लिखतें हो।
यूंही लिखते हो या सच मे दर्द लिखतें हो।।
मैने भी कह दिया, की अर्ज किया हैं।
इनायत से लिखतें हैं, इक़रार आ ही जाता हैं।
क़ुरबत से लिखतें है, इज़हार आ ही जाता हैं।
औऱ दोस्तों
यूंही लिखते हैं तो दर्द आ ही जाता हैं।।-
संभले हैं, रुके थोड़ी ना,
बस कुछ पल की खामोशी हैं।
उभरेंगे एक दिन अपना सूरज लेके, ऐ दोस्तों,
लड़ने के लिए तो पूरी ज़िंदगी बाकी हैं।।-
वक़्त से मिला हु, इसलिये वक़्त की क़दर करता हु।
वैसे में तुझसे भी मिला था ना?-
सुनसान सड़क से गुज़रते हुए, बारिश की बूंदों को आघोष में लिए, उस सर्द हवा को लिपटे हुए, ऊन गिरते हुए वृक्ष के पन्नों से बेइंतेहा मोहोब्बत हुई।
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अगर शराबी होते तो शराब सी मोहब्बत होती।
पर बुरी लत ना लगाना इश्क़ ने सीखा दिया।।-
सोचा पलकों को आराम दु, पर वो आपसे हटे तब ना।
आप न देखो इस तरफ़ जब मन भी रूठे तो ख़ुदसे।।-
एहसास तेरे होने का हैं, बस कमी तेरी ना होने की।
दर्द से भरे हैं हर औऱ, बस बया आँसुओ बग़ैर रोने की।।-