गुजर जाता है सहर-शाम तेरी याद में
मेरे कई अहम फैसले रूके है तेरी बाद में-
इस साहिल तन्हा हूँ पार किनारे भी रहूंगा
गुजर जाता है सहर-शाम तेरी याद में
मेरे कई अहम फैसले रूके है तेरी बाद में-
हवाओ का रूख जरूर बदलेगा।
आज नही तो कल जरूर बदलेगा ।।
वादा! खुद को खाक तक खपाना है ।
खुद्दारी है मुझमे तो मंजर जरूर बदलेगा ।।
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जय
हे हिंद
तन-मन-धन
निछावर तुझ पर हे
हिंद शत शत नमन
तेरे वीर सपूतों
का अमर है वह तू भी अमर
है मां इस पुण्य धरा पर जन्म लेकर स्वर्ग सा
अनुभूति करूं हो मेरा हर कर्म तेरे स्नेहा के अनुरूप सा इतना
ही मैं ईश्वर से वर मांगू जय हिंद जय भारत हे हिंदुस्तान
दुश्मन जिस के डर से खेत आते हैं नमन कर मेरी
कलम उन जवानों का एक नमन उनको भी कर जो.
,विज्ञान,व्यवसाय,शिक्षा को देते हैं अपने हर पल जय भारत जय
हिंद अद्वितीय अद्भुत भारत शत-शत नमन .
करूं मैं शत-शत नमन करूं मैं तुझकोसर्वधर्म
का उभयनिष्ठ भी है तू बारंबार नमन तुझको
और बस मेरी अभिलाषा जाए
मेरा जीवन का हर क्षण तेरे खातिर
बस तेरे खातिर मां ने
मुझसे बताया है
तू ही मेरी मां है
तेरी ही मैं
सेवा करूं
इसजीवन
में..-
गुजर जाता है सहर-शाम तेरी याद में
मेरे कई अहम फैसले रूके है तेरी बाद में-
तय करना ही दरिया फिर मलाल क्यों करूँ...?
इस साहिल तन्हा हूँ पार किनारे भी रहूंगा-
क्या खूब! निभाते वो लोग सच्ची प्रेम कि कहानी जमाने में ....
माँ-बाप को छोड़ जाते भगवान के भरोसे दर ब दर भटकने को जमाने में ....-