KUCH RISHTEY AUR KUCH SAMJHOTE ASANI SE NAHI KIYE JATE GALE GHOT DIYE JATE HAIN.-
🇮🇳⚓
Black coffee without sugar.
कुछ यूँ देखा हमने उनको
के बाज़ार में बहारें खिल उठी,
शायरी करनी थी उनपे
मगर मर्ज़िया हमारी ख़िलाफ़त दे उठी।-
कुछ लिखा था तुम्हारे लिए हमारे मिलने के दिन
तुमने बयान करने का मौका नहीं दिया,और हमने मायूस होने का मौका यूहीं हासिल कर लिया..
अब साल गुजर गए ..
याद आती है हमारे मोहब्बत की जहां,फ़रियाद हमने की और फैसला तुमने अकेले में ही कर दिया।-
"उत्ती सी हंसी"
एक समा था जब आप बहार बनकर आए।
मां-बाप के घर में मानो खुशहाली से चहकती चिड़िया, हुई इल - बिलाती नजर है अयी।
मां बाप के साथ दादा - दादी रो पड़े कहने लगे देखो घर गुड़िया है आयी,
दिन,साल,बरस बीत गए,
बालिग से प्रोध अवस्था तक का चुनौती भरा रास्ता, तुमने कब तय किया कभी पता नहीं चला।
दादा - दादी भी थक गए।
आप भाग दौड़ की प्रतियोगिता में बेह गए।
सब बस ख्वाब बनकर धरा का धरा रह गया।
आज भी उन्हें एक खुशी मिलती है,जब आप मुस्कुराते हुए उन्हें केक का टुकड़ा खिलाते हो।
वो दिन हो आपका कुशहली हो आपकी बस ये दुआ है
मां-बाप, बेहेन-भाई और दादा दादी की
सलामत रहे हमेशा आपकी उत्ति सी हंसी।-
Night of solitude against broken hopes with you,shattered sleep and dream of sun rays coming thru.
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कुछ खामोश भरा पैग़ाम है,
देखो, शायद तुम्हारे दिल पे भी दस्तक दे रहा हो आज,
कोई सवाल हो तो धुंडो उसका भी कुछ मकसत हो आज,
आज़ाद हिन्द केलिए लड़ने वाले विरो का सिर्फ एक मक्सत था हिंदोस्ता की आज़ादी,
मर मिटते ,लहू लोहान सब खितपित करते रहे आज़ादी का जुनून सर बंधे कफ़न सब ओढ़ चलते रहे।
आज भी उनकी यादें सहेम देती है,आंसू लाती है, सांसे जैसे रुख सी जाती है,
आज उनके लिए जिए जो हमें ज़िंदा रखे है ,
एक दिया जलाएं उनके बलिद्दान के लिए,
एक मन्नत मांगे उन वीरों केलिए जो आज भी सिना ताने खड़े है पावन भूमि की रक्षा करने केलिए,
आंसू से भरे उस मां के आंसू पोंछे जिनके लाडले आज़ाद हिन्द की लाधाई केलिए कफ़न ओढ़े रुकसत लेलिए,
आपसी लड़ाई छोड़ चलो याद करलें उन सबको और गर्व करे भारतीय होने पर ,
जय हिन्द।
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ऐसी क्या वजह थी तुम बिना बताए चल दिए?
ज़िन्दगी को बेच तुम क्यों रुकसत ले लिए?
आम आदमी के ज़िन्दगी से महरूम तो थे,
फिर भी जाने की क्यों ज़िद्द पकड़ लिए,
कुछ तो बोल जाते हमें,
दिल रो रहा है सबका,
सब को लग रहा है तुमसे पूछ पाते हाल कैसा है जनाब का?
मीडिया पर सब अच्छी बातें बता रहे है काश किसी ने पूछा होता तुमसे कहा चलदिए उससे कुछ देर तो ठहर जाते तुम, कुछ देर।-
"अधूरी ख्वाहिश"
फिल्मों को बारीकी से देखना जब से सीखा,
तबसे कलाकार के तौर पर आप हमें भा गए ।
सोचा कितने अदब से अदाकारी झलक ती है,
आपके आंखो से।
आम लोगों की ज़िन्दगी से आप रूबरू हुए थे शायद।
बड़े पर्दे की सच्चाई कड़वे घूंट की तरह आपने भी आजमाई होगी,
मिलके जानना था मुझे ये
की कैसे कर लेते हो आप ये सब?
असल ज़िन्दगी भी एक किरदार की तरह और किरदार भी असल ज़िन्दगी की तरह पर्दे पे ले आते थे।
बड़े याद आओगे आप हमें ।-
जो घर बैठे है,वो बखूबी से जानते है अपनों की और दूसरो के ज़िन्दगी की एहमियत।
जो जानते है हमारे लिए दिन रात खड़े उस वर्दी वालो की कीमत,
वो घर बैठे कर रहे उनकी भी हिफाज़त।
जो जानते है उन तमाम Dr और Nurse's की बेजोड़ कोशिशें
ज़िन्दगी बचाने केलिए,
उनके घरवाले आज भी सिसक लिए कर रहे उनका इंतज़ार
मामूली लोग है हम कुछ साधारण करके बचते है और बचाते है
अपने देश को अपने देश वासियों को लड़ते है एकसाथ
जय हिन्द, जय भारत।-
"कुछ पल की यादें"
कुछ यादें थी अजमाने को,
कुछ पल थे गावाने को,
बीती यादें सताती यहां,
पल भी रूठ ते है आजकल
एतियात से मनाने को..
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