आता है, ये जन्म-दिवस वर्ष में केवल एक ही बार,
रहता है, सभी को इस दिन का बेसब्री से इन्तज़ार।
लाये, ये आपके जीवन में ये खुशियों की बौछार,
बन जाए, आप सभी सफलताओं की हकदार।
सलामत रहे सदा, आप और आपका घर-परिवार,
मुस्कुराते रहो आप यूँही हमेशा, चाहे कोई भी हो वार।
छूटे ना कभी साथ हमारा, बने रहें आप PC यूनिट के सिपहसालार,
कैसा भी वक़्त आये या जाये, ये टीम भावना रहे यूँही बरकरार।
मुबारक हो, आपको ये दिन हमारी तरफ से कई-कई बार,
जन्म दिवस की ढेर सारी बधाइयाँ, आपको हजारों बार।
😊Happy 32nd Birthday.😊-
कुछ स्वरचित पंक्तियाँ लिखने की बस क... read more
और साल गुज़र गया...
कुछ अच्छी,
कुछ बुरी,
कुछ खट्टी,
कुछ मीठी,
पर ढेर सारी यादें छोड़ गया।
क्षमताओं को परखा,
दंभ को पटका,
प्रयासों को नई दिशा देकर,
जीवन सार को...
एक नया आयाम दे गया,
हौसलों को नई ऊँचाई दे गया।
और साल गुज़र गया...
चलो...
नववर्ष का आलिंगन करें।
एक नए संकल्प,
नई ऊर्जा,
नई स्फूर्ति,
नए स्वप्न के साथ,
नववर्ष का आलिंगन करें।
*नूतन वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ*-
🙏🏻आपको एवं आपके परिवार को अंग्रेजी कलेंडर वाले नवीन वर्ष की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ।🙏🏻
🥳।नव-वर्ष मंगलमय हो।🥳
यह वर्ष आपके जीवन में नई खुशियां, नई ऊर्जा और नई प्रेरणा लाए।
और यही अभिलाषा है कि आपका और हमारा साथ आने वाले सभी वर्षों में सदा ऐसे ही बना रहे।
।। हैप्पी न्यू ईयर 2025।।-
बारिश में भीगना, अब गुज़रे ज़माने की बात हो गई,
पानी से भरे गढ्डों में कूदना, पुरानी चाहत हो गई।
रिमझिम बूंदों को निहारते हुए,
मेरा बाल मन मचलता रहा,
खिड़की से झांकता रहा, सोचता रहा,
हो जाऊं सराबोर, अगर तन यार साथ दे,
पर ये पिता सा परिपक्व मस्तिष्क,
टोकता रहा, मना करता रहा।
कपड़ों की कीमत, मस्ती से कहीं ज्यादा हो गई,
समय हो गया कम, जवाबदेही एक वादा हो गई।
पहले की तरह कुछ भी न रहा,
सब बदलता रहा, समय निकलता रहा,
पहले बेसब्र, बारिश का इंतजार रहता था,
अब उसके धीमे या थम जाने का, ताकि
दिए वक्त पर पहुंच सके कहीं हम,
अधूरी जिम्मेदारियों को समेटने के लिए।
हालातों को नज़र-अंदाज़ करना, अब आदत हो गई,
किसी भी दर पर सर झुका देना ही इबादत हो गई।
अब अगर निकलता भी हूं, कभी बारिश में,
तो अपने सूखे आसुओं को छुपाने को,
या अपने सब दर्द और यादें बहाने को,
ऐसे ही हम एक दूसरे का सहारा बन जाते हैं,
कभी वो रो लेती है मेरे कंधे पर, बूंदे बनकर,
कभी मैं सिसक लेता हूं, उसकी गोद में बैठकर।
जिनके सिर पर छत नहीं, कर रहे थे वो इल्तिज़ा,
पर दुआ, महलों में रहने वालों की कबूल हो गई।
झोंपड़ी का तो सब कुछ बह गया इस बारिश में,
और मकान कहने लगे, ये बारिश फ़िज़ूल हो गई।-
🙏🏻आपको एवं आपके परिवार को दिपावली के इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।🙏🏻
यह त्यौहार आपके जीवन में नई खुशियां, नई ऊर्जा और समृद्धि लाए। बस इसी अभिलाषा के साथ कि आपका और हमारा साथ सदा बना रहे।
।।शुभ दिपावली।।-
इक तरफ बा कन्हैया। दूसरी तरफ बा गवैया।
टक्कर देवल वाला, मिलल हौ तोहके बढ़िया।
का होई अब आगे, चला देखल जाए भैया।
यमुना-पार वालन की, कवन पार लगावेगा नैया।
तोहन लोगन क वादा, पूरा होई पता नईखे कंहिया।
पुछेला जब कोई एंकर सवाल, याद आ जावेले मैया।
रिंकिया के पापा, बीयर पी के करें ल छैया-छैया।
कभ्भो कौनो गाना, कभ्भो लेके आ जावेला तू गईया।
अबहु बा टैम संभल जा, नहीं त आगे का करिहा।
जनता के मन में बसे के खातिर कौनो बनावा जरिया।
लगावा पार आपन नांव, मिलल बा तोहे ऐसन खिवैया।
यमुना-पार वालन की, लगावा हो केहू तो पार नैया।-