हल्का सा तबस्सुम
लब ए उदास पे ल कर
भीगी हुई पलकों को
छिपाना भी हुनर है..!
अनीस
एक ऐसे ग़म शनास की
हसरत रही मुझे
जो मेरे साथ रोए
मुझे हौसला न दे..!-
My YouTube channel ko subs... read more
कोई मंजिल भी नहीं तय है किधर जाऊंगा
लाज़मी तय है भटकना मैं जिधर जाऊंगा
हाथ में हाथ तेरा हो तो निखर जाऊंगा
गर साथ न दोगे तो बिखर जाऊंगा
है तमन्ना ये मेरी आप मेरे साथ रहे
रास्ता कोई भी हो फिर तो गुज़र जाऊंगा
अब नहीं करता भरोसा मैं किसी पर भी अनीस
किसी को किया कहूं मैं खुद ही मुकर जाऊंगा-
क्यों बोझ बन के मेरा दर्द ए सर नहीं जाता
क्यों खयाल तेरा ज़हन से उतर नहीं जाता
मुद्दत हुई है उसको मेरी ज़िंदगी से निकले
अब तक मेरी फिक्र से हिज़्र का डर नहीं जाता
जिम्मेदारियों के बोझ तले घर से निकला हूं
उसपर सवाल ये है क्यों मैं घर नहीं जाता
-
یہ جو گزر رہی ہے سانس ہے زندگی نہیں..!
ये जो गुज़र रही है सांस है ज़िंदगी नहीं..!-
इतने दरूद आप ﷺ पर जितनी खुदा की नेमते
इतने सलाम आप ﷺ पर जिनका ना हो सके शुमार
اتنے درود آپ ﷺ جتنی خدا کی نعمت
اتنے سلام آپ ﷺ پر جنکا نا ہو سکے شمار-
अज़ल से मोहब्बत है हयात की लज़्ज़त अनीस
ज़माना ए जदीद ने मोहब्बत का रुख़ मोड़ दिया-
दिसम्बर भी दबे पांव निकल जाएगा अनीस
इसको भी छोड़ के जाने की अदा आती है-
एक लम्हे को ज़रा तो सोचें
ये मकाफ़ात ए अमल वाली दुनिया
रिटर्न में जब उन्हें भी यही नफ़रत देगी
तब वो किया करेंगे
नफरत फैलाने वालों
एक लम्हे को ज़रा तो सोचो
-