इस बेरुखी की वजह जानना चाहते हो, क्यों उस वजह को जानना चाहते हो जो बस तुम्हारी वजह से है। जान के क्या करोगे, बस वही दो बातें बोलोगे, और इसी तरह से हमेशा की तरह दिल को बहला दोगे।
कुछ पल सुकून के मांगे थे, खुदा ने पूरा बरस दे दिया, कुछ लम्हे खुशी के मांगे थे, खुदा ने पूरी कायनात दे दिया, कुछ बूंदे प्यार की मांगी थी, खुदा ने पूरी बारिश दे दी, थोड़ा सा अपनों का साथ मांगा था, खुदा ने ज़िन्दगी भर की साथ दे दिया, कुछ तो कमी थी दुआ में मेरी, सब मांगा बस "खुद" का ज़िक्र भूल गई।