अनभिज्ञ प्राणी   (meriiklm3)
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Joined 18 January 2020


Joined 18 January 2020

क्या दर्द और दवा इस दुनिया में काम आती है
जिसका जैसा शौक़ उसकी वैसी शाम आती है
बातें करने वाले हज़ार बैठे हैं अमीरी बाजार में
कोई मिटा दे गरीबी नहीं ऐसी जान आती है।।

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किस्मत में लिखा ही सबको मिलता है
फिर क्यूं इंसान एक-दूसरे से जलता है
यहॉं ना कोई राजा है ना रंक है मन से
जैसी रब की मेहर वैसे हैं सब तन से।।

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हैरतंगेज भरी है ये ज़िन्दगी और इसके पियादे हैं हम
खुद तो खेल खेलती रहती है और इसके प्यासे हैं हम
पता नहीं कैसे अपना धर्म निभाती है ये ज़िन्दगी कभी
खूब सताती है तो कभी जताती है इसके प्यारे हैं हम।।

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ऐसा क्या गुनाह करते हैं कि जफ़ा निभाती हो
तुम्हारा भला चाहने वालों को सज़ा दिलाती हो
कोई शिकवा नहीं कि हम तुम्हें अच्छे नहीं लगते
पर अपनी बर्बादी की तुम खुद राह बनाती हो।।

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ख़ाक हैं हम.......हम किसी को क्या मोहब्बत देंगें
जो दिलों के मालिक हैं हम क्या उन्हें सोहबत देंगें।।

[सोहबत - संगत]

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भटके थे राहों से मंजिल कहाॅं से पाते
टूटे थे दिलों के तार जोड़े कहॉं से जाते
जो तकदीर लिखी नहीं हमारे मुकद्दर में
उसकी जुस्तुज़ू में ज़िन्दगी क्यों गॅंवाते।।

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वक्त की मार ने ज़िन्दगी को नयी हवा दी
जो मर्ज़ थी नहीं कभी उसकी भी दवा दी
क्या कहते कोई ज़ख़्म नहीं है जानते हुए
ये कि मरहम की जगह बेमौत सज़ा दी।।

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जगत की विपदाओं से यहां हरेक परेशान है
कोई अपनों से तो कोई सपनों से परेशान है ।।

नहीं सूझती ऐसी राह जो बढ़ाती हो अपनी
रफ्तार और दिलाये दुनिया में जल्दी शान है।।

जब तक कर्मों की रेखा सम न हो तब तक
सत्कर्म करते रहना ही व्यक्ति का वर्तमान है।।

छोड़ दो वो रास्ते जो मंजिल नहीं दु:खी मंजर
देते हैं अधिक आशायें पीड़ाओं के मकान हैं।।

जानते हैं लोग अपने वक्त पर रंग बहुत दिखाते
हैं पर वक्त को भी वक्त बदलने का अरमान है।।

रखो ईश्वर पर विश्वास और निखारो खुद को तुम
वक्त आने पर खुदा देता खुशियों का आसमान है।।

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हे त्र्यंबकेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथ
ओम्कारेश्वर,भीमाशंकर,सोमनाथ
भीमाशंकर,रामेश्वरम, महाकालेश्वर
मल्लिकार्जुन, केदारेश्वर, वैद्यनाथ।।

हे दीनदयाला देवों के देव आदिदेव
के शिव-परिवार को बारम्बार प्रणाम
हे बाघाम्बरधारी,त्रिशूल-डमरू वाले
को जपती रहूं हरेक पहर लेकर नाम।।

हे त्रिनेत्रधारी,औघडनाथ,उमापति करो
अपनी सभी प्रिय वस्तुएं प्रभु स्वीकार
हो जाये गर कोई त्रुटि मुझसे तो दे देना
ईश्वर क्षमा और कर देना मेरा बेडापार।।

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