a powerful hymn personified like the life itself shining in life like all the reasons to all my whys like there has always been God, looking at us in the sky..! #प्रtiक्षा
तो कभी थाम लेती मैं अपना हृदय और गा देती विरह गीत, तुम्हारे साथ की एक कमी में कई कविताओं को जन्म देती.. उन्हें प्रेम प्रतीक्षा में मगन गीत सुनाती.. चढ़ जाती कभी पीड़ा के पहाड़ पर, इस उम्मीद में कि कहीं किसी रोज़ आराम की ज़मीन पर तुम मेरी ओर चलकर आते हुए नज़र आ जाओ.. और नयन जल से भर जाएं, जब गिरे ज़मीन पर तो उग उठे मेरे प्रेम के हर्षृंगार ... ! #प्रtiक्षा
for once I thought of leaving my lovely loneliness to join your company, but then I realised that to leave my solitude, you have to be more sugary than my desolation..! #प्रtiक्षा
औरत की मज़दूरी, सदियों से उधार रही है। ज़माना बदल गया मगर हाथों में बेलन, नौकरी के पहले भी और बाद रही है.. जिस दिन स्त्री ने मेहनताना मांगना शुरू कर दिया, उस दिन सदियों से बोले गए झूठ से पर्दा उठ जाएगा..! #प्रtiक्षा