देखा था एक ख्वाब हमने भी,
कभी न कभी तो इन नजरो को उनका दीदार होगा,,
जिनके हर साँसो पर नाम हमारा होगा,
और हर लम्हे में साथ हमारा होगा...!!-
अाज जनाब ने हमसे कह ही दिया कि दोस्ती पसंद है उन्हें हमारी मोहब्बत से ज़्यादा..!
फिर किया था हमने भी कह दिया कुबुल हैं हमे आखिर मोहब्बत जो ठहरे हमारे...!!!!!-
मज़े-मज़े में आज वो हमसे कह गये,"कि आदत सुधारो तुम अपनी ,हमारी बातों में तब्दील नहीं होते!"
अब उन्हें कौन समझाए कि बुरे नहीं हैं हम, बस अच्छा बनने का ढोंग नहीं आता हमें.....!!!-
"मैं हु कहाँ मैं तो थी"
मैं हु कहाँ मैं तो थी
आसमानो की उड़ती पतंगों सा
डोर जिदंगी की टूट सी गई हैं
बातें बचपन की कही घुट सी गई हैं
उठना बैठना है अब समझदारो में
बचपन की नादानी अब रूठ सी गई है
जिंदगी की दौड़ मे
सफलता अब सपना हैं
कहाँ रहे अब वो दिन
जब लगता था कि सारा जहा अपना है
अपनेपन की बातों का
अब मौल भी तो न रहा
बचपना दिखाए भी तो कहाँ
अब वो माहौल भी तो न रहा
लहजा सीख रहे है अब
अदब से पेश आने का
वो बदतमीजिया अब
कही सो सी गई हैं
हँसने-खेलने की भी
अब उम्मीदे कहाँ रही
वो मौज-मस्ती अब कहीं खो सी गई हैं
डोर जिंदगी की टूट सी गई हैं
यादें बचपन की कही छुट सी गई हैं
अब पूछते हो मुझसे
कि "तुम कौन हो"
मैं हु कहाँ मैं तो थी
आसमानो में उड़ती पतंगों सी...|
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बेशक optional है हम उनके नज़रो में,
but first periorty है वो हमारे नज़रो में!!-
ये खु़दा अब तो सुन ले हमारी अरदास,
बख्श दे हम इंसानो को इस महामारी से,
न जाने कितनो के घर डाले उजाड़ इसने,
न जाने कितनी चीखे और है सुनने बाकी,
श्मशानो में नहीं रहे स्थान अब और शवो को जलाने के,
कर क्षमा गर हुई हो कोई ख़ता हम नादान इंसानो से,
ये खु़दा अब तो सुन ले हमारी अरदास,
बख्श दे हम इंसानो को इस महामारी से!!!
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हमारी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को,
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है।-
Where you can find lots of Pain, too much struggles and lots of problems....😑😐😶
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