ख्वाहिश, उस में चांद पिरोने की है, वो जो आसमां है मेरा, जिस पर मेरी धरती थमी है। ख्वाहिश, उस के माथे पर सुकून बो देने की है, जिसके जहन में बेचैनियाँ और राहतों की कमी है। ख्वाहिश है उसके गले लग कर, उस को कह देने की, तेरे संग कोई ख्वाहिश नहीं बाकी, कि मेरी हर ख्वाहिश का हासिल तू ही है, हासिल तू ही है।।
उसे इश्क था..... मुझे उल्फत, उसे यकीन था.....मुझे गफलत , उसने ठहरना न था.....बना कर मुझ में घर, अब तक नहीं दर पर.. मैने लगाई सांकल, वो कर रहा है जिक्र मेरा किताबों में, मुझे बना गया जो, चाशनी सी बातों में, उसे इश्क था ....मुझे उल्फत बेगैरत, बेइंतहा , बेदर्द उल्फत। ।।
जिसने की है प्रतीक्षा प्रेम में, जिसने रतजगों में भिगोई हैं आंखें, जिसने लिख डाली पोथियां प्रेम में, जिस का मन निश्चल बहता रहा है प्रेम में, जिसने सिर्फ दिया ही दिया है प्रेम में, उस के पैरों की रज उतनी ही पावन है, जितने मंदिर में चढ़ाए गए फूल।।
एक रेत का ज़र्रा भी, असर कर जाता है इतेफ़ाक़न, जब चुभता है दिल में, आँखों के ज़रिये । मैं तेरे जहन में, एक खरोंच छोड़ जाउंगा मिलूं या न मिलूं तुझ से याद रख, याद बहोत आउंगा..।।
मैं हार चुकी थी, अपना दिल भी, और उसे भी और ये हार मैने खुद चुनी थी। उसके द्वारा दुबारा ठुकराया जाना, दर्द तो देता था मगर एक तसल्ली भी क्योंकि मैं जानती थी, उसके लिए कोई और बेहतर है । मुझे किस्मत ने वो हक नहीं दिया, कि उस पर हक जता सकूं। जिंदगी का सबसे खूबसूरत शख्स है वो, हमेशा रहेगा। एक टीस भी दिल में हमेशा रहेगी, कि काश....।