हर बात में आँसू 😭 बहाया नहीं❎ करते,
दिल❣️के जज़्बात हर किसी को बताया 🔉 नहीं❎ करते,
यहाँ सभी मुट्ठी में नमक🧂 लेके घूमते है..
दिल के जख़्म 💔 हर किसी को दिखाया 🤐नहीं ❎ करते!!!!-
इसलिए महाकाल के नशे में चूर रहती हूं🙏🙏
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शायर हूं, आशिक... read more
तेरी यादे क्यूँ सताती है, ये मालुम तो नहीं🤔🤔,
लेकिन....
जब भी आती है, सुकून दे जाती है🥰🥰!!
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तू भदौरिया🔥,
मैं चौरसिया🔥,
हमारी यारी जैसे एक Compound के दो Isomerism... 😂😂
Where Chemical structure is differ but chemical Formula is same....😅😅
तुझसे कोई पटती नहीं ,
और मैं किसी को पटा पाती नहीं....😜
इसलिए रह जाते हैं, अपन Single....😋
और खो बैठते हैं, होने का गम "Mingle"..🤟
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"👉मेरी तारीफ😎 में इतना ही काफी है,
अच्छाें 🤗 के लिए बहुत अच्छी😋,
और 💯💯
दुश्मनों💪के लिए, अच्छी🤟 खासी 🌋तबाही🌋 हूं!!"
👉Don't judge me by My soft heart ness👈
🔥🔥-
जिस्म के भूखे,
किसी से दिल लगाया नहीं करते....... 💔💔
मोहब्बत के टूटे ,
किसी का दिल दुखाया नहीं करते.....💕💕-
कलम की डोर ✍️,
👉कलम...एक तू ही तो है, जो बिन बेवफाई के,
जिंदगी के हर एक उलझे🙅♂ किस्से
को सुलझा 🤗लेती है:
कभी जिम्मेदारियां🚵♀ की बागडोर💸,
तो कभी अश़्कों💔 के सैलाबों 😭
को बखूबी संभाल लेती है!
👉कलम... एक तू ही तो है, जो मुश्किलों🏋♀ के
हर दर्द 💔से उभार लेती हैं🥰,
कभी शायरी 📝तो कभी हस्ताक्षर💰
बनके हर गम बांट लेती है😘!!!
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तुझ पर शायरी लिखूँ✍️ या लिखूँ नज़्म✍️
करूंगी तो तेरा दीदार🥰 ही,
तुझसे इश़्क करूं🤩 या करूं इ़बाद़त 💞
करेगी तो दुनिया जुदा☹️ ही......-
👉ख़याल तेरा पल-पल सताता है,
ख़्वाब तेरा हर रोज़ रुलाता है!
👉शम्मा की रात में हर रोज़ बेंहकाता है,
नशे की चाह में हर रोज़ चढ़ जाता है!
👉अश्कों की बरसात में हर रोज़ भिंगाता है,
यादों के सैलाब में हर रोज़ बहाता है!
🥰बस तेरा ख़याल ही तो है.......
जो इस दिल को हर रोज़ जीने की नयी चाह दिलाता है!!!
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मैंने कहा कलम से ...
तू इतना मत इतरा रज़ाओ में,
तू इतना मत इतरा रज़ाओ में,
तू तो सिर्फ एक दरिया है किनारे का,
शब्द तो अश़्क-ए-एहसास बोलते हैं!!!-
उनके दीदार-ए-इश्क में हम कुछ यूँ पागल हो गए,
ना जाने वो कब हकीकत से ख्वाब हो गए,
हम समझते रहे अपना,
वो किसी और के परवाने हो गए...
वक्त की पैरवीयों के अंदाज अब कुछ निराले हो गए .....
हमारे मिजाज़ो के भी अब लोग दीदार-ए हो गए,
हम दर्द-ए-दिल के शायर **
और वो खुद को पढ़ने पर मजबूर हो गए....
और एक रोज़ वो हुस्न-ए-दीवाने
हम से मिलने के लिए बेब़स-ए-मोहताज़ हो गए!!!!.
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