ये इश्क़ एक जिमेदारी है, बताओ निभाओगे क्या, छोड़नी सारी दुनियादारी है, बताओ छोड़ पाओगे क्या, खलीफे सभी गए हैं इसी राह से होके, पहुंचना बहुत मुश्किल है, बताओ पहुंच जाओगे क्या।।
कोई किस्सा नहीं लिखा ,कभी सपना नहीं लिखा, इतने करीब होने के बावजूद भी तुम्हे,कभी अपना नहीं लिखा । कोई प्यासा नहीं लिखा,कभी दरिया नहीं लिखा, भरे हुए थे आंखों में आसूं , पर उनपे कोई नगमा नहीं लिखा।।
ज़रा दूर तो चलो रास्ता बहुत बाकी है, हर मोड़ पे रुकने की वजह बहुत बाकी है, गिर के भी देखो, ठहर के भी देखो, फिर संभल के चलने के लिए जिंदगी बहुत बाकी है।