कभी कभी कुछ लोग बहुत याद आते है...
फिर उनकी कुछ अच्छाई याद आती है...
फिर कुछ बुराई फिर बस बुराई पे ही हम रुक जाते है.-
Kuch sawal hamesha k liye adhure reh jate hai ....
Na koi uska jawab de pata h aur nahi koi jawab dene ka himmat ....-
खुदार मैं मेरे अदाकारिया नही है ...
खुदारी है घमंड है गुरुर है पर मकारिया नही है ...-
मैं लिख दु अगर जो शाम कही
तो तुम जसबाद बनाराश समझना...
मैं लिख दु अगर जो चाय कही
तो तुम घाट बनाराश समझना...
मैं लिख दु अगर जो प्यार कही तो
तुम ठंड की बरसात हो
वो प्यार बनारस समझना...
-
इस दिल को सूकून हज़ार चाहिए..
आज फिर से वही बचपन वाला पहला प्यार चाहिए...
जीने को वक़्त बेशूमार चाहिए..
कुछ वक्त हम अपना लगा देंगे ...कुछ और वक़्त आपसे उधार चाहिए....-
तेरे ना होने पे भी ये फ़िक़्र बाकी है...
तू सुन ले ज़िक्र मेरी तेरी ये ज़िक्र बाकी है...
दिल की बातों का कागज़ पे आना बस ये समझ ले
अभी ये इश्क़ बाकी है ...
अभी ये इश्क़ बाकी है...-
कुछ वक्त अपने ख्वाब को क्या दिए उनको छोड़ कर ....
की अब कोई ख्वाब ही नही जो मुझे जिंदा कर दे ....
Reality of my life .-
ये प्यार भी कुछ ऐसा है sweetheart..
की तेरी ईद भी मुझे दीवाली जैसी लगती है ...-
छुप के बैठा है वो जैसे
रुठ गया हो कोई अपना
वो छुप कर बैठा हो जैसे छूट गया कोई अपना
वो छुप कर बैठा हो जैसे छुप गयी हो सारी खुशियां
वो छुप कर बैठा हो जैसे चुप हो गईं सारी खुशियां
वो छुप कर बैठा हो जैसे टूट गईं हो सारी खुशियां
वो खुसिया भी खुसिया थी जो चुप थी सारी दुखिया
वो छुप कर बैठा हो जैसे रूठ गई हो सारी खुशियाँ
वो छुप कर बैठा हो जैसे भूल गई हो सारि खुशियां
-
रोशनी के साथ चल
तू दिन हो या हो रात चल
तू डर कर रुकना नही, तू आज अकेला रात चल
तू लेकर जसबाद चल
तू शाम चल
तू थाम चल
तू दूर कोई हालात चल
तू चलता चल तू चलता चल
सब साथ चल या
दिनदुपहरी हालात चल
तू चलता चल
तू रोशनी के साथ चल
तू रोशनी के साथ चल-