Aaनन्द Sharमा   (मेरेजज़्बात_मेरेअल्फ़ाज़)
286 Followers · 62 Following

read more
Joined 30 June 2018


read more
Joined 30 June 2018

सतर्क रहना हरदम देखो तुम,
दोस्त नये,दुश्मन पुराने और उनके झूठे वादों से,

और तुम मानो या मत मानो पर फर्क है देखो बहुत,
तुम्हारी और हमारी तालीम में,
तुमने सीखा है उस्तादों से,
और हमने सिखा है हालातों से..✍️आनन्द"

-



लोग' समझते हैं मै जानता नहीं,
कि उनके मन में क्या है क्या नहीं,

लम्हा टूटा हुआ फिर
कभी लौटता नहीं,
दोस्त देख हो फिर या रिश्ता कोई,
हाथों से हाथ चाहिये छूटना नहीं..✍️ आनन्द"

-




खुद की खबर नहीं खबर पर ओरों की पुरी रखतें हैं,
देख लो अब लोग कितने बैचेन और बेकरार रहते है,

बेवकूफ़ों की बस्ती है पर
लोग यहां सारे खुदको होशियार कहते हैं,
आदमी अब देखो आदमी नहीं,
सारे-के-सारे अब चलते-फिरते अखबार लगते हैं..✍️ आनन्द"

-



बढ़ा रहे हैं अपनों से दूरी और,
परायों पर भरोसा कर रहे हैं,

करकर
घर के अब कूँयें को
नजरअंदाज,


लोग" अब
नल पर देख भरोसा
कर रहे हैं..✍️आनन्द"

-



प्रभाव अभाव का,
जब किसी के जीवन पर नज़र आ जाता है,

स्वभाव जीवन का
तब बदला हुआ नज़र आ जाता है..✍️ आनन्द"

-



जो प्यार प्रेम और हरवक्त,
सभी से अपने खास रिश्ते की बात करता है,

देखो उसे बता दो कोई,
यहां सिर्फ जरूरत पड़ने पर हरकोई याद करता है..✍️आनन्द"

-



साहब
हम वो' है,
जो आप'कभी
बन नहीं सकते,

और हम'
‌ वो
कर गुजर जातें हैं,
जो
आप कभी
सोच भी
नहीं सकते..✍️आनन्द"

-



एक पत्ता भी जब हिल नहीं सकता उसकी मर्जी के बिना,
तो फिर उसी की दी हुई दौलत-शोहरत पर तू इतना इतराता क्यूं है,

कोई समझे या न समझे मगर समझना और समझाना,
इस जग में मित्रता' का आनन्द"सबसे सुंदर गुण है..✍️ आनन्द"

-



रह गई आंखों में
अब सिर्फ तस्वीर,
ख्वाबों मे
सजाने के लिए,

याद है कि चली आती है,
रोज़ सताने के लिए,

और हर रोज हर वज़ह मेरे हर दर्द की
लिख कर मैं बता देता हूं,

मुमकिन है किसी रोज देख ना रहूं मै,
तुम्हें सबकुछ बताने के लिए..✍️आनन्द"

-



धोखा इस बार फिर मत खा जाना,
फिर हजार पन्द्रह सौ के झूठे वादों में मत आ जाना,
चुनाव हो रहा है तुम चौकन्ना रहना,
उम्मीदवार तुम अब की बार' चार सौ पार वाला चुनना,

मैं सच कहता हूं तुम्हें झूठ सच समझाकर,
नेता फिर कुछ तथाकथित तुम्हारा मत कीमती ले जाएंगे,
अपने सिर्फ फायदे की खातिर,
ये बड़े कायदे से पच्चीस पचास में फिर कहीं बिक जाएंगे,

देखो इसलिए मेरा काम है तुमको अगाह करना,
जब मतदान करना तो सिर्फ और सिर्फ तुमअपने देश के बारे में सोचना,
व्यक्तिगत सिर्फ स्वार्थ की खातिर तुम कहीं,
कीमती 'मत"अपना व्यर्थ मत गंवा देना..✍️आनन्द"

-


Fetching Aaनन्द Sharमा Quotes