इस तरह से दोनो ने,
मेरी खुशियों कि मिट्टी पलीद कर दी,
कभी जिंदगी ने अति कर दी,
कभी ख्वाहिशों ने ज्यादती कर दी..✍🏼आनन्द"-
मैं"मेरी'खुद'की..
बस मुलाकात'हो जाने दे मेरी'खुद'से,
फ़िर कहानी'भी बताऊंगा,... read more
खुदगर्जी समझने का मौका ही नहीं देती है यहां किसीको,
मैं सच कह रहा हूं,
मुश्किलें हर वक्त मुझे घेरे रहती है,
और सब को मैं मतलबी लग रहा हूं..✍🏼आनन्द"-
लाश को जलाकर तुरंत नहाकर,
बातें कर रहे थे व्यापार की सब हंस-हंसकर,
और आदमी तुम हो तो
पेश आया करो
आदमी बनकर,
भगवान
बनने की
कोशिश मत किया करो,
तुमसे विनती है
हाथ जोड़कर..✍🏼आनन्द"-
खुदगर्जी ही
नजरअंदाज देखो करवाती,
वरना अंतरात्मा तो सभी की
क्या ग़लत है
क्या सही है,
सभी को बतलाती है..✍🏼 आनन्द"
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हमारी साख के कत्ल का वो' मुजरिम है,
और गवाह भी इस बाबत हम ही है..✍🏼 आनन्द"-
कोई दंभ में चुर है,
सच्चाई से दूर हैं,
तो कोई रिश्तों की खातिर
बेबस और मजबूर है..✍🏼आनन्द"-
प्रेम उम्मीद के नतीजे अक्सर
दुख दर्द के रुप में वापस मिलते हैं,
संदेह उलझन और बाधाओं से हरदम,
आनन्द" के खुब बखेड़े होते हैं,
जिंदगी के किस्से,
न कभी नये होते हैं ना पुराने दिखते हैं,
मान-सम्मान से परे दंभ से भरे,
लोग आजकल के खुदको सयाने समझते हैं..✍🏼 आनन्द"-
खुशियाँ सब पर लुटा देता हूं मैं,
दर्द सारे अपने छुपा लेता हूं,
अपने ग़ैर का फर्क समझता नहीं मैं,
हर किसी पे भरोसा कर लेता हूं,
नादान देखो इतना हूं मैं,
के इक नासमझ को भी समझदार हमेशा समझ लेता हूं..✍🏼 आनन्द"-
हंस नहीं पायेगा वो देखो,
मुझे रुला कर,
उसे पता नहीं है,हंसने के सिवाय मेरे पास,
कुछ ओर अब बचा ही नहीं है रो-रो कर..✍🏼आनन्द-
केवल अच्छे कर्म करने में
यकिन रखते हैं,
फल की हम नहीं सोचते हैं,
फल तो बाज़ार में भी मिलते हैं..✍🏼 आनन्द
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