एक कार्ड रंग-बिरंगा, कई नंबर, आड़ी-तिरछी रेखाएं, आँखों का स्कैन, छाप उंगलियों की। घर का पता, नाम माँ-बाप का, सब जानकारियां इसी में। सब जोड़ना जरूरी है इससे, सरकार कहती है, खाते, फोन और जाने क्या-क्या! इसे आधार क्यों कहते हैं?
वह जो सिगरेट का कश लिया था तुमने, उसका धुआँ अब भी चक्कर काटता है, कमरे में, और रह-रहकर, उस पुरानी कलमदान के पास, चला जाता है, जिसमें एक कलम, कुछ पेंसिल, और एक कागज का टुकड़ा है। वह टुकड़ा, तुम्हारी आखिरी खत का हिस्सा है, जहाँ तुमने अपनी लबों से एक बोसा लिया था। बेचारा इस गफलत में है, कि तुम उसे जगह दोगी।
Moonstruck Every full moon I watch it, To lament on its fate. I curse it for having the scars, And as if my curse reaches it, The moon starts hiding its face. Shrinking with shame, it disappears on new moon. In guilt, I beckon it to try me again, The moon comes out in its full regalia Yet, fails to bestow me. And then, they find me cursing it yet again. They say I am moonstruck. I laugh in a maddening rage, For they are mistaken,. For they have not seen you.
कलम को बो दिया था मैंने, कल इस उम्मीद पर, कि कोई नज़्म उगे, कुछ अशआर से फल लगें। मगर ये ज़मीं भी मुझसी ही निकली। न कोई नज़्म हुआ, औ' न आसार दिखे अशआर के, नील और इश्क दोनो कि फितरत एक सी है। एक जमीं को बंजर करता है, दूजा दिल को