अब वो मिली भी तो एग्जामिनेशन हौल में,
हम मोहब्बत करते या नकल ।-
हवाऐं बेगैरत सी मालूम होती हैं,
शायद कोइ फसाना फिर टूट ने को है ।-
थक चुका हूँ, अब जरा
बैठना चाहता हूँ ।
जिंदगी की बेवफ़ाई के साये में खो कर,
कुछ पल रोेना चाहता हूँ ।
जानता हूँ की अभी कुछ ही देर तो चला हूँ
पर अगर कोई चाहे तो ?
उसे, इस जिंदगी की जबानी
अब ना चल पाने की
वजह बताता हूँ ।
-
While finding the reasons
I Landed up on a heap of betrayals
is romanticising my dream ?
Or the endeavour i put !!!
Which was my crime ?-
यूं , इस बर्फ का जमीं से मिल,
पिघल जाना ।
जिंदगी में जैसे, किसी का कुछ देर ठहर कर,
चले जाना ।
वादों का इंतजार करना,
फिर खुद ही,
मुकर जाना ।
जैसे किसी गज़ल का अंत ढूंढना
और ना पाना ।-
Is i am all, that i could be
Or carrying a deficit, still in me ?
All that meritocracy, always matter
Or , dream can also bring spark for,
something to be ?
-