जिस रोज़ तुमसे मुलाकात होगी
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Indian
English nhi hindi achi hai
वो वहशी न समझ बैठे ये ख्याल रखकर
लड़का लड़की के गालों पर बोसा रखता है
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तन्हाई का एक दलदल हो जाऊँगा
इश्क में लगता है पागल हो जाऊँगा
जिस पल दुनिया पागल समझने लगेगी
मैं उस पल आशिक अव्वल हो जाऊँगा
मुझको क्या थी खबर ऐसा होगा इश्क में
मैं उदासी का एक जंगल हो जाऊँगा
तुझको बताया तो था इक दफ़ा ये भी
तू छोड़ गई तो कितना बे-कल हो जाऊँगा
खुदा बनाने से पहले गर पूछेगा रज़ा मेरी
मैं उसके पाँव का पायल हो जाऊँगा
मुझ जैसे को रिहा न करे कोई कफ़स से
रिहा होते ही इक मशअल हो जाऊँगा
- आनंद पांडेय 'सिफ़र'
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कितनी हसरत थी कि कहीं दिल लगे
जहाँ दिल लगा था फिर वहीं दिल लगे
सदाकत ही सदाकत हो जिसके अंदर
उसी के साथ मौला अबकी दिल लगे
मुकद्दर में हो गर वस्ल उम्र भर का
मेरे दोस्त! किसीसे तभी दिल लगे
मैं आईना देखूँ अक्स उसका नज़र आए
लगे तो ऐसे लगे अगर कभी दिल लगे
फिर वही हिज्र, फिर वही शब-ए-ग़म
उससे बेहतर है कहीं नहीं दिल लगे
खुदा! अता कर इतना रहम 'सिफर' पर
सजदे में सदा नबी से ही दिल लगे-
ऐसे मिला कीजिए लोगों से हँसकर गले
मानो सबसे बड़े खुश-मिजाज़ आप ही-
टेक्स्ट पर इज़हार-इकरार ठीक है मगर
मुझे मोहब्बत है लिफ़ाफ़े में पड़े खत से-
चाहत का जहां ऐसे बर्बाद रक्खा जाएगा
तुझको भूलकर तुझे याद रक्खा जाएगा
तेरी तस्वीर ताउम्र बारहा निहारी जाएगी
इस दिल को ऐसे आबाद रक्खा जाएगा
भले ही गम में कटेगी ज़िंदगी की हर शब
मगर इस दिल को हमेशा शाद रक्खा जाएगा
तू लौट आई अगर तो पहले गले मिलेंगे सनम
सारे शिकवे और गिले उसके बाद रक्खा जाएगा
रुख करेंगे मयखाने का तुझसे बिछड़ने के बाद
वहीं हाल-ए-दिल और सभी मवाद रक्खा जाएगा
दवा दर्द-ए-दिल की मिलने पर भी न खाई जाएगी
ताउम्र दिल में तेरे सितम का सवाद रक्खा जाएगा
ऐसे निभाएगा 'सिफर' वफा तुझसे ऐ बेवफा सुन
तेरी तस्वीर को सदा तौर-ए-हम-ज़ाद रक्खा जाएगा
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मुझसे प्यार नहीं पर कुछ तो ज़रूर करती है
उसके तकल्लुम के तरीके से ऐसा लगता है-