2 JAN 2020 AT 8:10

तीन गुना लगान थी कभी
किताबों का ज्ञान थी।
खुला आसमान थी कभी
पर्वतों की चढ़ान थी
बीते एक दशक में,
ज़िन्दगी चुनाव का रुझान थी

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