गजलें, मुक्त़क खंडित होंगे,सम होगी शेरों की ज्वाला
प्याले,वाले सोच रहें सब कब होगी अंतिम प्याला
खुद को खंडित करने का हमनें दो को ही अधिकार दिया
एक तुम्हारी मधुशाला है, एक है मेरी मधुबाला
खंडित -खत्म, नष्ट करना
सम -शांत
मधुशाला -शराबखाना
मधुबाला - प्रेमिका-
Great fan of #kumarvishwash
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तुम मेरी भी वफा थी, तुम उसकी भी वफा हो
मुझसे तुम खफा थी,क्यूँ अब उस से तुम खफा हो
अब मैंने ये सुना है तुम उस से भी जुदा हो , अरे
तुम बेवफा थी पहले तुम अब भी बेवफा हो-
नए जमाने में दिल तोड़ने का नया फसाना होता
उसके बेवफा होने का गवाह काश ये जमाना होता
वो कहती थी कि बहुत प्यार करते हैं तुमसे, झूठ
काश मोहब्बत मापने का भी कोई पैमाना होता
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समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आसूँ प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता-
चाँद -तारे -सूरज मेरे साथ में रहे
जब तक तेरा हाथ मेरे हाथ में रहे
साखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम
कोई आँधी से कह दे की औकात में रहे
Specially to our Hon'ble "Director sir"-
बस्ती-बस्ती घोर उदासी,पर्वत-पर्वत खालीपन
मन हीरा बेमोल लूट गया घिस-घिस रीता तन चंदन
इस धरती से उस अंबर तक दो ही चीज गजब की है
इक तो तेरा पागलपन है, इक मेरा दीवानापन-
हर समय तो व्यथा नहीं होती
एक सी रूत सदा नहीं होती
जख्म ऐसे भी लोग देते हैं
जिनकी कोई दवा नहीं होती-
गिरेंबा चाक करना क्या है सीना और मुश्किल है
हर इक पल मुस्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है
हमारी बदनसीबी ने हमें इतना सिखाया है
किसी के इश्क में मरने से जीना और मुश्किल है-
दूर तू है मगर मैं तेरे पास हूँ
दिल है अगर तू तो दिल का मैं अहसास हूँ
प्रार्थना या ईबादत या पूजा कोई
भावना है अगर तू तो मैं विश्वास हूँ-