पेंसिल से लिखकर मिटा देने वाला लड़का
कलम से खुद की किस्मत लिखकर उदास बैठा-
Mech. Design Engineer
Traveller ✈️ Book Lover 📖 Obsessed with cheese 🧀.
पेंसिल से लिखकर मिटा देने वाला लड़का
कलम से खुद की किस्मत लिखकर उदास बैठा-
मैं जब भी फिर से तेरा नाम पुकारूं, तुम ही आना
तेरे नाम चुराए हुओ से मुझे और नहीं मिलना-
मैं बेवजह तुम्हें सोचकर अपनी तकदीर लिखता रहा
तुम तो किसी और की दुनिया में मशरूफ थी-
बस आज की रात है जान, फिर हम कहां तुम कहां
ये आखिरी मुलाकात है जान,फिर हम कहां तुम कहां-
मुर्दों के शहर, कुछ बरस क्या रह लिया में
अब लोग मुझे जिंदा देखकर जिंदा नहीं समझते-
और 1 दिन बीत गया मैं जल्दी ही रिहा हो जाऊंगा
तेरे यादों के शहर से मैं जल्दी अलविदा हो जाऊंगा-
जाना हम रोए कहां थे आंसुओं, के शहर में सैलाब आया था
तेरे सपने में चांद तारे आए होंगे, मेरे मे टूटता दिल आया था-