"गाँधी बाबा तुमने हमको एक मौन हथियार दिया, दोनों गाल सूज गये लेकिन हमने ना वार किया ।
आदर्श तुम्हारे जिंदा है बड़े महान हो तुम बापू , संपूर्ण विश्व में भारत की एक पहचान हो तुम बापू ।।
स्वदेशी का नारा देकर दिन भर चरखा चलाते थे, देश का खर्चा ज्यादा ना हो आधा लैंप जलाते थे ।
आधी आज़ादी का बापू तुमको ही हक़दार कहूँगा, कोई विरोधी तेरा होगा मैं उसको गद्दार कहूँगा ।।
लेकिन देश के बटवारे पर बापू गुस्सा तन्न जाता है, गुस्से के बदले गोडसे का मंदिर बन जाता है ।
भारत माता की छाती पर चलता आरा रुका नही, सन 47 का बापू तुमसे बटवारा रुका नही ।।
तुमने बापू बोला था ये शाख नही छटने दूंगा, इंच इंच कट जाऊँगा पर देश नही बटने दूंगा ।
चंदा सूरज धरती अम्बर सारे ही शर्मिंदा थे, जिस दिन देश बटा बापू उस दिन तुम भी जिंदा थे ।।
वेह्शी दरिंदो के हाथो से महिला हुए खिलोने थे, कविताओं में क्या बताऊ कृत कितने घिनोने थे ।
चालीस लाख मृत लोगो का ज़िम्मेदार किसे लिखू, देश बाटने वालो में बोलो गद्दार किसे लिखू ।।
कितनी थी आँखें जो रोते रोते पथरायी थी, पूछ रही लावारिस लाशें जो कुत्तो ने खाई थी ।
हिंदुस्तान की माटी का परिवेश अधर में छोड़ दिया, बंटवारा करके भी बापू देश अधर में छोड़ दिया ।।
दो थप्पड़ के बदले में एक थप्पड़ तो मारा करते, अरे बंटवारा ही करना था तो ढँग से बंटवारा करते" ।
शब्द: कवि अमित शर्मा 😎
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इसके अतिरिक्त नौ देवियों की भी यात्रा की जाती है
जोकि दुर्गा देवी के विभिन्न स्वरूपों व अवतारों का प्रतिनिधित्व करती है:
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माता वैष्णो देवी जम्मू कटरा
माता चामुण्डा देवी हिमाचल प्रदेश
माँ वज्रेश्वरी कांगड़ा वाली
माँ ज्वालामुखी देवी हिमाचल प्रदेश
माँ चिंतापुरनी उना
माँ नयना देवी बिलासपुर
माँ मनसा देवी पंचकुला
माँ कालिका देवी कालका
माँ शाकम्भरी देवी सहारनपुर
नवरात्रि भारत के विभिन्न भागों में अलग ढंग से मनायी जाती है।
गुजरात में इस त्योहार को बड़े पैमाने से मनाया जाता है।
गुजरात में नवरात्रि समारोह डांडिया और गरबा के रूप में जान पड़ता है।
यह पूरी रात भर चलता है। डांडिया का अनुभव बड़ा ही असाधारण है।
देवी के सम्मान में भक्ति प्रदर्शन के रूप में गरबा, 'आरती' से पहले किया जाता है,
और डांडिया समारोह उसके बाद।
पश्चिम बंगाल के राज्य में बंगालियों के मुख्य त्यौहारो में दुर्गा पूजा बंगाली कैलेंडर में,
सबसे अलंकृत रूप में उभरा है। इस अदभुत उत्सव का जश्न नीचे दक्षिण,
मैसूर के राजसी क्वार्टर को पूरे महीने प्रकाशित करके मनाया जाता है।
उत्तर प्रदेश में भी नवरात्रि खासा धूम-धाम से मनाई जाती है..!
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◆●◆● शारदीय नवरात्रि, 2021 ●◆●◆
नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है, जिसे पूरे भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है ❤️❤️
नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'
इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है, नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है, पौष, चैत्र, आषाढ,अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और महाकाली के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिनके नाम और स्थान क्रमशः इस प्रकार है नंदा देवी योगमाया (विंध्यवासिनी शक्तिपीठ), रक्तदंतिका (सथूर),शाकम्भरी (सहारनपुर शक्तिपीठ), दुर्गा (काशी),भीमा (पिंजौर) और भ्रामरी (भ्रमराम्बा शक्तिपीठ) नवदुर्गा कहते हैं।
नौ देवियाँ है :-
शैलपुत्री - इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।
ब्रह्मचारिणी - इसका अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
चंद्रघंटा - इसका अर्थ- चाँद की तरह चमकने वाली।
कूष्माण्डा - इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
स्कंदमाता - इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
कात्यायनी - इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
कालरात्रि - इसका अर्थ- काल का नाश करने वली।
महागौरी - इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
सिद्धिदात्री - इसका अर्थ- सर्व सिद्धि देने वाली।-
◆●◆● भू•पूर्व प्रधानमंत्री मा• लाल बहादुर शास्त्री जी जन्मदिन विशेष ◆●◆●
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर , 1904 को हुआ था ।
शास्त्री जी महान लीडर थे और अपनी सादगी और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध थे ।
सादगी थी आंखों में, लिहाज से बड़े देसी थे,
तालीम थी बड़ी, देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
किसान और जवान की जय कहने वाले,
हिंदुस्तान के नेता थे वो बड़े मतवाले ।।
जिनके ही दृढ़ अनुशासन से,
वह ‘पाक’ हिन्द से हारा था ।
“जय जवान जय किसान”
यह इनका ही तो नारा था ।।
2 अक्टूबर शास्त्री जी का जन्मदिन, सबके लिए एक पर्व है,
ऐसे वीर सपूत पर तो भारत माता को भी गर्व है ।
प्रधानमंत्री बनकर भारत के विकास को नई उड़ान दिया,
गरीबी के दुःख को आत्मसात किया, याद रहे सदा ऐसा योगदान दिया ।
ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो देश का नाम करते हैं,
इसीलिए हम शास्त्री जी का बहुत सम्मान करते हैं ।
मा• लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं 💐💐😊😊
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Ganesh chaturthi 2021 : गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं, इसके पीछे भी है पौराणिक कथा:
गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था, इस उपलक्ष्य में पूरे देश में धूमधाम से गणेश चतुर्थी का उत्सव मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं भी हैं। उनमें से एक आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
कहा जाता है कि पौराणिक काल में एक बार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना के लिए गणेशजी का आह्नान किया और उनसे महाभारत को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की। गणेश जी ने कहा कि मैं जब लिखना प्रारंभ करूंगा तो कलम को रोकूंगा नहीं, यदि कलम रुक गई तो लिखना बंद कर दूंगा। तब व्यास जी ने कहा प्रभु आप विद्वानों में अग्रणी हैं और मैं एक साधारण ऋषि किसी श्लोक में त्रुटि हो सकती है, अतः आप बिना समझे और त्रुटि हो तो निवारण करके ही श्लोक को लिपिबद्ध करना। आज के दिन से ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेशजी ने महाभारत को लिपिबद्ध करना प्रारंभ किया।
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Saheb पलकें झुकें और नमन हो जाए,
Mera मस्तक झुके और वंदन हो जाए ।
Aisi नजर कहां से लाऊं माधव 😍😍
Ki आपको याद करूं और दर्शन हो जाएं।।
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Saheb इस कहानी का लेखक कौन है ये मुझे मालूम न हो सका,
जो भी हो एक दिन वो दौरे-हाज़िर का "मन्टो" ज़रुर कहलाएगा ।
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"अभी मैं मरा नहीं था"
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"मैं उस समय तक नहीं मरा था, जब बेटे ने मेरे ऊपर से ऑक्सीजन सिलेंडर हटा कर अपनी माँ को लगाया था।
हर तरफ वार्डब्वॉय और परिवारजन मृतकों से ऑक्सीजन हटा कर जीवितों को लगा रहे थे।
जिसके बच सकने की उम्मीद थी, उसे किसी तरह हाथ-पैर मारकर बचाना चाह रहे थे।
इस कोलाहल के बीच मैं भी थोड़ा बहुत बचा हुआ था, लेकिन समाज की अंतरात्मा की तरह मैंने भी सोए रहना चाहा।
सिंलेंडर लगने के बाद भाग्यवान की उखड़ी हुई साँसें कुछ सम होने लगीं थीं।
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"I wanted us to be together".
"You wanted to be a part of me".
"What kind of promise was that".
"How did this togetherness got shattered?"
"I was with you sometime back and now I am not."
"I shall not go back."
"My eyes are heavy..."
"My heart is heavy..."
"You broke my faith."
"We were together."
"What was your intention?"
"What strange way of yours is this, dear?"
"Why did you breakup with me, dear?"
"What kind of love is yours, dear?"
"I was your love sometime back and now I am nothing."
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वो अपने घर चला गया अफ़्सोस मत करो,
इतना ही उसका साथ था अफ़्सोस मत करो ।
इंसान अपने आप में मजबूर है बहुत,
कोई नहीं है बेवफ़ा अफ़्सोस मत करो ।।
इस बार तुम को आने में कुछ देर हो गई,
थक-हार के वो सो गया अफ़्सोस मत करो ।
दुनिया में और चाहने वाले भी हैं बहुत,
जो होना था वो हो गया अफ़्सोस मत करो ।।
इस ज़िंदगी के मुझ पे कई क़र्ज़ हैं मगर,
मैं जल्द लौट आऊंगा अफ़्सोस मत करो ।
ये देखो फिर से आ गईं फूलों पे तितलियां,
इक रोज़ वो भी आएगा अफ़्सोस मत करो ।।
- बशीर बद्र
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न जाने क्यों इस लॉकडाउन में पिछले लॉकडाउन सी खुशी नहीं है
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मावा,मैदा बेसन, भरपूर है, घर में पिछले पकवान बनाने का मन नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन मे पिछले लॉकडाउन सी खुशी नही है ||
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व्हाट्सएप पर ग्रूप बने हैं पर तंबोला की अब वो चहक नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन मे पिछ्ले लॉकडाउन सी खुशी नही है ||
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Saheb थाली बजी, दीपक जले, पर शायद अब विश्वास नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन में पिछले लॉकडाउन सी खुशी नहीं है ||
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क्वारंटाइन आइसोलेशन बन गया स्टीम,काढे, योगा का असर नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन मे पिछले लॉकडाउन सी खुशी नही है ||
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पिछला लॉकडाउन आँकड़े देखते गुजरा, अब गिनने की फुर्सत नही है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन मे पिछले लॉकडाउन सी खुशी नही है ||
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आँकड़े कब पड़ोसी, परिवार बन गए आँकड़ों पर अब नजर नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन में पिछले लॉकडाउन सी खुशी नहीं है ||
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पिछले में वैक्सीन नहीं थी, अब वैक्सीन होने पर भी यकीन नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन मे पिछले लॉकडाउन सी खुशी नही है ||
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न जाने क्यूं इस पॉजिटिव शब्द में 0.1% भी पॉजिटिविटी नहीं है |
न जाने क्यों इस लॉकडाउन मे पिछले लॉकडाउन सी खुशी नही है ||-