anand kumar   (@kumar anand)
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Joined 14 October 2017


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22 JAN 2022 AT 16:52

गर्भ में ना मारे जाना, बेटी तुम अब शोषण मत सहना
कर बराबरी का उद्घोष, दुनिया संग आगे बढ़ना
पर्दे में ना रहना अब, पढ़ लिख आत्मनिर्भर भारत बनाना।।

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22 NOV 2021 AT 0:11

तोड़ो- जोड़ो, अपनी सरकार बना लो तुम,
नया भारत का क्या, झूठी ख़्वाब दिखा दो तुम।।

पत्रकारिता पैसे से तौल, सबका ध्यान भटका दो तुम,
बढ़ती बेरोजगारी के बीच, धार्मिक मसले बढ़ा दो तुम।।

अफसरों की जेबें भर, फाइलों को धूल चटा दो तुम,
अपराध कम है के, थोड़ा अराजकता बढ़ा दो तुम।।

भारत के पैसे से, नेताओं को मौज करा दो तुम,
बहुत बोल रहे विपक्षी, एजेंसियों की रेड लगा दो तुम।।

कानून की चिंता छोड़ो, नया कानून बना लो तुम,
किस किस की सुनोगे, नया संविधान बना लो तुम।।

सत्ता और कुर्सी की खातिर, ईमानदारी का चोला पहने हो तुम,
मसले तरकश में संभाले, बईमानी की खुली किताब हो तुम।।

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18 NOV 2021 AT 16:52

मौत से बचने का सबसे शानदार तरीका
दूसरो के दिलों में जिंदा रहना।।

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16 NOV 2021 AT 14:06

कुछ चीज़ों को पसंद करने की कोई वजह नहीं होती है, वो बेवजह ही खूबसूरत होती है

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15 NOV 2021 AT 12:48

उसने मुझसे पूछा-
क्या तुम भी बदल जाओग ?

मैंने कहा -
नहीं, बेहतर बनूंगा तेरे लिए।।

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14 NOV 2021 AT 16:58

सूरज को नारंगी रंग के बजाय हरे रंग से
और
घासों को हरे रंग के बजाय हल्के रंगों से
रंगना भी,
एक मासूम बच्चे की रंगभेदी के विरुद्ध भोली आपत्ति है

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7 NOV 2021 AT 23:22

ज़रा महसुस तो करो
मेरे आवाज़ को
हाथों की चुड़ियों में, या पावों की पायलों में
ज़रा महसुस तो करो
मेरे साँसों की महक को
मिट्टी की ख़ुशबू में, या फूलों की पंखुड़ियों में
ज़रा महसुस तो करो
मेरे जज्बात को
बाहर के शोर में, या अंदर की खामोशी में
जरा महसुस तो करो
मेरे एकांत को
शांत नदी के साज में, या शीतल सुनहरी शाम में

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6 NOV 2021 AT 21:18

किताबों में छपे हर एक शब्द में ढूंढा,
लेकिन तेरी खूबसूरती बयां करने वाले शब्द
आज तक नहीं मिले।।


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4 NOV 2021 AT 12:53

सफलता, पिज़्ज़ा की तरह फ़ोन पर किया आर्डर नहीं,
जो आधे घंटे में मिल जाएगा
सफलता वक्त मांगता है।।

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2 NOV 2021 AT 17:35

आसमान में लाखों तारें जिनमें,
एक सितारा मेरा भी था।।
मेरे हर ख्वाब का हिस्सा और
ज़िन्दगी का एक किस्सा मेरा भी था।।
इन चाँदनी रातों में रूठना और मनाना मेरा भी था,
नजर भी मेरी और नज़ारा भी मेरा ही था
कंधे भी मेरे और जनाज़े भी मेरा ही था
मरने के बाद हमेशा चमकता रहूँ,
ये ख्वाहिश मेरा भी था।।

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