खिलखिलाती हुई हसी का राज़ ना कहना,
यूं ही सदा मुस्कुराते ही रहना,
कभी जो आए जिंदगी में गम,
हमारे साथ तुम साझा वो करना।
बातों को तेरी हम ध्यान से सुनेंगे,
बातों के बिच हम चूं ना करेंगे,
वादा है फिर भी हुई जो आंखे नम,
तुम्हारे लिए हम रूमाल भी रखेंगे।।-
हारा खड़ा हूं फिर से एकबार, रूह से हलक तक का ज़ोर लगाने के लिए,
टूट कर बिखरने के लिए,
बिखर के संभलने के लिए,
गिरना, झुकना, उठना और फिर हंसना लगा रहता है जिंदगी में अपने,
इस बार भी उठेंगे फिर से सच करने सारे सपने,-
चांद मिल रहा था उन्हे,
दाग़ गिनते गिनते उन्होंने चांद तक की कद्र ना की ।-
अंधेरी राहों में फिर से एक बार,
अकेले, खुद से बातें करते हुए,
गलत सही का हिसाब लगा रहे हैं,
कैसे क्या कुछ दूर सा हो गया उसे चीख कर बुला रहे हैं,
नादानी नही थी मुझमें, समझदारी शायद भारी पड़ गई,
हम अकेले रह गए और वो आगे निकल गई।।-
मेरा सब बुरा भी कहना पर अच्छा भी सब बताना,
जो मैं ना रहूं तो मेरी दास्तां सुनाना।
सुनाना वो साथ के ख़्वाब वो रातों की लंबी लंबी बातें हमारी,
जो कुछ दिल को दुखाया हो तो वो कमियां भी ना छुपाना।-
रूठना तो हम भी चाहते हैं, कोई मनाने वाला तो हो।
थक कर हार हम भी मानना चाहते हैं, कोई मशाल जलाने वाला तो हो।
बढ़ती राहों में सभी आगे ही बढ़ गए हैं
रुकना तो हम भी चाहते हैं, कोई साथ रुकने वाला तो हो।
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दिखावे की ज़िन्दगी की आदत हो रही है,
चाहत की चाहत में खोने की ज़िद्द है,
कब्र को देखकर फूल तो चढाना सब चाहते है,
अंदर से कुछ और हैं पर बाहर से मजबूर।-
अपनी रियाज़ में रोया हुआ हूं मैं,
समय के इंतज़ार में ही खोया हुआ हूं मैं,
कार्य मेहनत से नहीं सहज़ता से किया हुआ लगे
ऐसा ख्वाब लिए सोया हुआ हूं मैं।-
डर लग रहा है क्या,
मंज़िल बड़ी लग रही है क्या,
हौसला छोटा लग रहा है क्या,
घर के आसपास चींटी नहीं देखी है क्या,
पानी के लिए हमेशा कुआं के पास जाना जरूरी है क्या-
Kya soch rahei ho baithei baithei,
Samay thk nahi chal rha hai kya,
Pahiyaa hi hai aaj niichei kl uupr,
Guumsuum kyun tm baith gaya,
Dekhona dopahar me suraj tha sarr pr,
Avi chandrama tujhe ghuur raha,
Mt ho tm uudash o bandei,
Ye lamha bhi hai biit raha.-