अकेले ही चलना पड़ता है ज़िन्दगी के सफर में,
दर्द छुपा के हंसना पड़ता है,खुश हूँ सबकी नज़र में,
आयेगा हर कोई तुम्हारे पास सहानुभुति देने के नाम पर,
आगे बढ़ते रहो,फिर क्या मतलब कौन क्या बोल रहा है पुरे शहर में।-
⚓नुक्कड के राजा नही मुझे सिकन्दर चाहिए तुम लड़ो तालाब के लिए मुझ... read more
वो मुलाकात ही क्या जिसमें इंतज़ार ना हो ,
और वो इंतज़ार ही क्या जिसमें दिल बेचैन ना हो,
तुमसे मिलने की तमन्ना हो तो सब कुछ जायज है,
और वो मुलाक़ात ही क्या जिसमें दिल नाराज़ ना हो ।-
ख्वाब से हो गए जुदा,
खुद से हो गये जुदा,
दुनिया से जुदा नहीं होना चाहता हूँ,
खुद समर्पित कर तुम्हारा होना चाहता हूँ।-
वो जो आये तो कहना उससे
कि तुम्हारे दिये हुए फूलों की खुसबू बरकरार है अभी भी।
वो जो आये तो कहना उससे
कि तुम्हारे उस पागल को तुम्हारा इन्तज़ार है अभी भी।
वो जो आये तो कहना उससे
कि तुम्हारे हर उस खुशनुमा एहसास को संजो कर रखा है मैनें,
वो जो आये तो कहना उससे
कि तुम्हारा वो पागल तुम्हारे साथ मिलों चलने को तैयार है अभी भी।-
अगर मौका मिले तो अपने इश्क का इज़हार भी कर देना,
सब शिकवे गिले छोड़ कर थोड़ा-सा हमसे प्यार भी कर लेना,
किसी दिन ये सब कुछ भुला दिया जायेगा जानबुझकर,
भुलाने की नौबत ना आये, ऐसा कुछ इन्तेज़ाम कर लेना।-
किसका रास्ता देख रहे हो,
अपने वजूद को बेच रहे हो,
जो चला गया, अपना था ही नहीं,
व्यर्थ में उसका इन्तज़ार कर रहे हो।-
पत्रकार महोदय जी,
पता कीजिये कब तक बिजली के आने की संभावना है, आखिर आप का न्यूज़ कैसे पढ़ेंगे हम लोग...
मोबाइलवे डिस्चार्ज हो गयल ह अउर पावर बैंकवो ना साथ देत बा....एक त इ जून असाढ क गर्मी अजुये आयल बा अउर दूसरे इ बिजलियो गायब बा,समझ में ना आवत बा कईसे काम धाम कयल जाय,
आज DC vs RCB क
मैचवो देखे के इच्छा रहल लेकिन कईसे देखल जाई,अब त लागत ह हाईलाइटवे देख के संतोष करे के पड़ी।
बाकी आपो ध्यान देवल जाय हमरे बतिया के,बड़ा चिंताजनक माहौल बा हमरे गऊँवा में
😅😅😅😅
धन्यवाद
🙏🙏-
वो मुलाकात ही क्या जिसमें इंतज़ार ना हो ,
और वो इंतज़ार ही क्या जिसमें दिल बेचैन ना हो,
तुमसे मिलने की तमन्ना हो तो सब कुछ जायज है,
और वो मुलाक़ात ही क्या जिसमें दिल नाराज़ ना हो ।-
इंतज़ार तुम्हारा हम रोज़ किया करेंगे ,
एहसास वही ,बस तारीख बदलते रहेंगे,
तुम हमसे रूठ जाओ या दूर चले जाओ,
हम तो यूँ ही, प्यार बेपनाह तुमसे करते रहेंगे।-
कोरे कागज़ पे मैं कुछ लिखना चाहता हूँ
अपने अल्फाजों को बयां करना चाहता हूँ
तुम बिन अब क्या लिखूँ ,क्या मैं करुँ बयां,
बस लोगों से दूर और खुद को तन्हा चाहता हूँ।-