when you are in depression, you don’t want people around you, you don’t like crowd. You just wanna loneliness. After overcome with this you just feel - no one is with you, no friend, no relationship. Only your parents are stay with you .
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कुछ आप बताओ, कुछ बातें हम कहते हैं!
कैसे बताए हम किसके इश्क मे है..
बस हम उनके हिज्र मे और वो हमारे जिक्र मे है..
उन्हें तो जरा अंदाजा भी नहीं इस बात का,
कि हम जाने कब से उनके फिक्र मे है!-
ये जो पीठ मेरी ज़ख्मों से भरे पड़े है,
परायों के मैंने गिनें नहीं पर अपनों ने खूब दिए है!-
जब त्यौहार हमारा है, तो भाषा हमारी क्यूँ नहीं?
हैप्पी दिवाली क्यूँ कहा जाए, शुभ दिपावली क्यूँ नहीं?-
मुझे ज़माने की बातों से परे ज़माने मे ही रहना है,
मुझे किसी और के बांहों मे नहीं बस उसी के हिज्र मे रहना है।-
जो ना हासिल मुझे अब भी बस उसी का जुनून है,
कैसे बताएं इस नाउम्मीदी मे भी कितना सुकून है!-
अब भी राहों मे उसे देख पलट जाता हूँ मैं..
और कभी रात पुरानी यादों का आना होता है तो,
उससे बात कर उसका हाल पूछ जाता हूँ मैं!
मुझे इल्म है कि वो मेरा अब है नहीं,
फिर भी सजदों मे अब भी उसकी बेहतरी मांग आता हूँ मैं।
माना कि अब हम साथ नहीं..
तुम्हारे दिल मे मेरे लिए बचे ज़ज्बात नहीं!
पर अनजान तो नहीं है हम,
सच बोलो क्या तुम्हें अब भी बारिशों मे याद आता हूँ मैं?
लगता है तुम मेरे बिना रहना सीख चुके हों,
बातें पुरानी तमाम कर जिंदगी मे आगे बढ़ चुके हों!
पर वो सफर भी तो जिंदगी का था जब साथ चले थे तुम और मैं!
कभी तुम्हारा सबकुछ हुआ करता था, क्या अब तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं हूँ मैं?-
जिंदगी ऐसी थमीं वहां कि आगे कभी बढ़ी ही नहीं..
अधूरे भी ऐसे हुए हम की कभी पूरे हुए ही नहीं!
जिंदगी मे सबकुछ मुक्कमल हो भी जाए फिर भी एक अधूरापन तो रहेगा..
उस कामयाबी का भी मैं क्या करूँ जिसके बाद तुम मेरे हुए ही नहीं।-
अब रिश्तें कुछ यू ही निभाया जाए..
कि जो जितना पूछे, बस उतना ही बताया जाए!
और कभी कोई पूछ भी ले हाल-ए-दिल अगर..
तो बात इधर-उधर की कर उसे टाला जाए।
एक ही तो है दिल, वो भी टूटा हुआ..
आखिर बात ये ज़माने को कब तक समझाया जाए!
और लोग दे जाते है सीख आगे जिंदगी मे संभलकर चलने की..
पर खामोश है सब इस सवाल पर कि मौजूदा वक्त कैसे गुजारा जाए।-
बिना टूटे कोई बन नहीं सकता..
बिना गिरे कोई आगे बढ़ नहीं सकता!
और महज लफ़्ज़ों के मेल को शायरी कहते नहीं..
बिना दिल पे ज़ख़्म खाए कोई शायर बन नहीं सकता।-