Anamika verma   (अनु- कुछ अनकहे किस्से)
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Joined 30 March 2020


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18 JAN 2024 AT 9:18



हाय ये ठंडी का मौसम और ये सर्द हवाएं
चलिए संग बैठ कर चाय की चुस्की लगाएं

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18 JAN 2024 AT 9:11






चांदनी रात और इन तारों की बारात
तुम्हारी याद आना है इकलौता जज़्बात

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13 JAN 2024 AT 1:41

अवध के दूर हुए अंधियारे
चमक उठे अयोध्या के गलियारे
सजे सरयू के सभी पुण्य किनारे
भक्त सब बस राम राम ही पुकारे
चमक उठे रोशनी से हर घर और द्वारे
कठिन वनवास के बाद राम हैं पधारे
प्रभू के चरणों में हैं अर्पित नर सारे
सबकी बिगड़ी अब राम आप ही सवारे

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12 JAN 2024 AT 16:06

राम राम तो सब कहे पर राम को समझे ना कोय
इक पितु वचन पे जो सिनहास तजे सो सीतापति होय
कोटि कोटि वो कष्ट सहे पर मर्यादा विहीन ना होय
करुणा निधान वो मर्यादा पुरुषोत्तम राम चन्द्र जी होय

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1 OCT 2020 AT 16:31

किसी बेकसूर मासूम की आबरू से कैसे भला तुम खेल लेते हो।
अपनी हैवानियत से इंसानियत को यू शर्म से ताड़ ताड़ कर देते हो।।
कैसे उस मासूम की चीख़ों को तुम्हारे कान यूँ अनसुना कर देते हैं।
कैसे भला तुम अच्छी भली सी लड़की को यूँ लहू-लुहान कर लेते हो ।
आख़िर किस तरह से यूँ तुम एक निहत्थी का बलात्कार कर लेते हो ।।
और कैसे तुम अपनी दरिंदगी में आवारा जानवरों को पीछे छोड़ देते हो।
नैतिकता इंसानियत संस्कार जैसे शब्द मिट्टी पलेद तुम कर लेते हो।।
ऐ इंसान में छिपे भेड़िये कैसे अपनी माँ को चेहरा अपना दिखा लेते हो।
भला किन शब्दों से अपने इस घिनौने काम को तुम उनको बताते हो।।
एक माँ की कोख से पैदा होकर किसी भविष्य माँ को तुम मार देते हो।
अरे किसी के आंगन की हंसती खेलती कली कैसे तुम उखाड़ लेते हो।।
अरे माना नहीं है कोई ज़मीर तुम्हारा पर क्या इंसान हो तुम सच में ।
इंसान नहीं राक्षस हो तुम अंदर छिपे एक इंसान की मर्मश खाल में।।

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24 APR 2020 AT 0:09

Just the combination of words without the essence of this person......

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31 MAR 2020 AT 11:11

Har ek friend hota hai kamina
Fir bhi hota hai wo anguthi-e-dil ka nagina
Krta hai salamati ki dua wo har mandir aur madina
Jiske bina muskil hai zindagi jeena

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8 JUL 2021 AT 22:34

तरक्की की हर सीढ़ी चढ़ो तुम
सबसे ज़्यादा आगे बढ़ो तुम
हर ज़िम्मेदारी पूरी करो तुम
और ताउम्र मुस्कुराते रहो तुम





Happy bday krishna

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25 JUN 2021 AT 23:14

ग़र मसअला सिफ़त वक़्त का होता ऐ ग़ालिब
तुम्हारी कसम क़तारें कभी ख़त्म ना होती....

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12 JUN 2021 AT 23:23

किससे करूँ शिकायतें या ग़िले करूँ अब मैं किससे
ज़रूर हर दफ़ा कोई ख़ता हो जाती होगी महज़ मुझसे
किस्मत में मेरी बस रह जाते हैं सिफ़त आँसू ही जिससे
ख़लिश क्या रह जाती है मुहब्बत में ये अब पूछूँ तो किससे

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