14 NOV 2017 AT 9:17

ए उलझन मेरे पास तो आना,
मुझे तुझे है सुलझाना,
मैं भी तो देखूँ तू,
मेरे बालों से ज्यादा क्यों उलझ गई है?
उन्हें सुलझाते वक़्त दर्द में,
अक्सर रो दिया करती हूँ,
पर उलझन तेरा दर्द तो इनसे गहरा है,
पर मेरी आँखो से आँसू क्यों नहीं बह रहा है?

- My words #Anamika