टूटा दिल
शिद्दत से कहा था उन्होंने,
कभी साथ ना छोडेंगे हुम,
हुम भी दिल दे चुके थे उन्हें,
और सब छोड़के चले गए उनके संग।
भूल गए हम अपने माता -पिता के प्यार को,
मानने लगे भगवान अपने हमदम को,
बोले खुद से जो,
बिताना हैं हर पल उनके संग,
तो क्यू दे अपना हक अपने जन्मदाता को।
गलती तब थी हमारी,
हम खुद को खो दिए उनके प्यार में,
जाना था कही और,
और चले गए हम उनके आस में।
जुदा होकर भी हम उनसे जुदा न हो सके,
प्यार किया था जो उन्हें पूरे शिद्दत से,
सरताज बनाके रखा था उनके लफ़्ज़ों को,
कैसे हम उन्हें छोड़,
अपने राह चल सके।
हा, रब से मांगा था हमने उन्हें,
बेतोड़ वादा किया था उनसे,
हर जन्म उनके साथ रहने का,
पर कमजोर पड़ गए हम उनके लफ्ज़ो से,
और कदम उठाया हमने,
उनके जीवन से वापस आने का।
तब आया याद हमे उनका,
जिनसे क़ुदरत ने हमे मिलाया था,
बंद आँखों से जिन्हें पहचाना,
उनको ही हमने ठुकराया था।
जीवन में पहला कदम रखना,उन्होंने सिखाया था,
गिरके,उठके,चलना उन्होंने बताया था,
नज़र अंदाज़ किए हमने उन्हें,
ठुकराते चलते पड़े हमने जिन्हें,
उन्होंने ही आज हमें अपनाया था।
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