छाया की तो है सबको दरकार यहाँ लेकिन,
इक शख़्स नहीं कहता कुछ पेड़ लगायें हम।-
तुम्हारी आज की मेहनत बनाएगी सफ़ल तुमको।
यक़ीनन देगी बेहतर , ख़ूबसूरत ज़ीस्त ए कल तुमको।
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*नई ऊर्जा ,नई ख़ुशियाँ, नई सौगात ले कर और,
मिटा कर कड़वी यादों को नए तुम साल आ जाओ।*
'अना इलाहाबादी'-
एक जैसी परवरिश दें, एक से अवसर,
बेटियाँ होतीं नहीं हैं बेटों से कमतर।
अना इलाहाबादी-
आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
बनेगी राष्ट्र की भाषा, वतन की शान हिन्दी है।
समूचे विश्व में अपनी, बनी पहचान हिन्दी है।
अना इलाहाबादी-
किसी तमगे दुशाले की ,न चाहत सुर्खियों की है,
मैं शेर-ओ-शायरी बस शौक़िया हज़रात करती हूँ।
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बता दूँ लाकडाउन में ,मैं क्या दिन रात करती हूँ।
कभी उनसे कभी डी.पी. से उनकी बात करती हूँ।
अनामिका पाण्डेय 'अना इलाहाबादी'-
रहें कितने बिज़ी भी हम तुम्हारा कॉल आ जाए ।
कभी इक पल को भी इग्नोर कर दें है नहीं मुमकिन।।
अना इलाहाबादी-
सुप्रभात🙏
उन्हें फोन करने को जब सोचते हैं।
गुज़र जाती है पल में फ़ुरसत हमारी।।
अना इलाहाबादी-