रूह तक भिंगो चुकी थी मुझेतेरी बेवफाई के ग़म नेबारिशों ने तो यूँ ही फ़क़तसर-ओ-पाँव तर किये थे बस - Kavyana अनामिका ঘটক
रूह तक भिंगो चुकी थी मुझेतेरी बेवफाई के ग़म नेबारिशों ने तो यूँ ही फ़क़तसर-ओ-पाँव तर किये थे बस
- Kavyana अनामिका ঘটক