लम्हे यूंही गुजरते गए
होती काश फिर मुलाकाते
लम्हे यूंही तरसते गए।
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Poetry❤️quotes ❤️
एक तू ही तो मेरे पास है.
अजनबी बन गए साथ चलने वाले
बस तू ही तो मेरे साथ है।-
चल हम भी थोड़ा टहल आते हैं,
सितारों की तरहां हम भी
चल रात में निकल जाते हैं,
वो आसमां से ज़मीं और
हम जमीं से आसमां निहारेंगे,
कुछ पल तेरे साथ ठहर,
फिर बूंद बन बरस आते हैं।-
इन बारिश के बूंदो के साथ
कभी तुम भी शैर पर निकला करो
चांद को निहारते हुए
कभी तुम भी चांद में दिखा करो
शिकवा नहीं कोई, बस ये ख्वाहिश है मेरी
दो लफ्ज़ इश्क़ के, कभी तुम भी मुझपर लिखा करो।-
माना तेरी गलियां अब सुनसान हैं
पर, हम कहां उन गलियों से अंजान हैं!
बेशक मुलाक़ाते नहीं हुई कई अरसों से, लेकिन
हमारी मोहब्बत देख आज भी सब हैरान हैं।-
मेरी झुकी पालकों पर तेरी नज़रें यूंही थमी रहे,
वो मोहब्बत वाली हंसी बस तेरी होठों पर बनी रहे,
मैं दुआ मांगु तेरे साथ, तेरे साथ होने की और,
मेरी आंचल का एक कोना तेरी घड़ी से लगी रहे।-