Everything happen for a valid reason,
But what if you loose precious moments, day or person for life just of that particular incident....????-
ना तेरे साथ महलों में रहने का ख़्वाब देखा,
ना तेरे आशियाने का कभी घमंड किया मैन,
बस तेरे संग एक छोटी सी दुनिया बसाने का ख्वाब देखा मैंने,
एक तुझपर भरोसा कर, सबका भरोसा तोड़ा मैंने,
तेरे लिए जग को छोड़ा मैंने और तूने मुझे तोड़ा,
मैं हूँ ना, मैं हूँ ना बोलकर मुझे अकेला छोड़ा तूने,
ख़्वाबों का महल बना उसे खुद तोड़ा तूने,
खुद धोखा देकर बेवफ़ा मुझे कहाँ तूने,
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छोड़ दिए हैं हैं मैंने तेरे आने की आशा,
पर कम्बख्त दिल हैं जो मानता ही नहीं,
आजभी तेरे आने के इंतेज़ार में,
सपने संजोये बैठा हैं...///-
यूँ ना उदास हुआकर ए दिल,
ये मतलबी दुनिया हैं,
समय आने पर यहाँ अपने धोखा दे जाते हैं, वो लोग तो फिर पाराये थे ///-
मेरे हाथों मे तेरा हाथ हो, तू मेरे साथ हो,
हर पल एक नया एहसास हो,
हम एक साथ रहे ना रहे, बस दिल से हमेसा साथ रहे /-
मेरे हाथ के लक़ीरो मे तू रहे,तेरा यैसा नसीब कहाँ,
तू मेरा हो जाएं मेरी यैसी तक़दीर कहाँ /-
हम तो निभाते ही है अपना धर्म,महीने के सत्ताइश दिन,
चार दिन तुम भी निभा दिया करो ना,
मैं जो रूठँ तुमसे, तुम मना लिया करो ना
जो दूखे मेरा सर, तुम भी कभी दबा दिया करो ना,
कभी मेरे लिए भी चाय बना दिया करो ना,
ज्यादा नहीं बस दो घड़ी बैठ, कभी मेरा भी हाल पूछ लिया करो ना,
हम तो निभाते ही अपना धर्म, कभी तुम भी निभा दिया करो ना /
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साथ छोड़ना ही तो हाथ पकड़ा ही क्यों था?
रुलाना ही था तो हसायां ही क्यों था ?
दिल तोड़ना ही था तो ख्वाब दिखया ही क्यों था?
दूर जाना ही था तो पास आना ही क्यों था?
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हाँ, मैं सूट नहीं जिन्स पहनती हुँ,
अपने किसी करीबी के बहुत दूर जाने पर उनको दुखी नहीं खुश करने के तरीके ढूंढती हुँ /
उनके जाने से दुख हैँ मुझे भी बहुत, पर दुनिया को अगर मैं अपना हँसता चेहरा दिखालाती हुँ तो मैं स्वार्थी कहलाती हुँ,
दुनिया की दया छोड़ अगर मैं लोगो की ख़ुशी का जरिया बनना चाहूँ तो मैं मतलबी कहलाती हुँ..///-
पिज़्ज़ा बर्गर नहीं हम लिट्टी चोखा बनाएंगे,
बिरयानी नहीं हम खिचड़ी खिलाएंगे,
तुम साथ निभाने का वादा तो करो हम गोल रोटी भी बनाएंगे... ///-