कुछ खाली खाली सा लगता है न
जैसे कोई किस्सा खत्म हो गया हो
जब साथ कोई नही तुम्हारे
तो खुद से नफ़रत क्यूं करते हो
कितने काबिल हो तुम ये तुम खुद नही जानते
तो फाल्तू की बातों मे क्यूं वक्त ज़ाया करते हो
होठो से हसते हो पर आँखे परेशानी ज़ाहिर कर ही देती हैं
तुम दूसरों की छोड़ो, तुम खुद से प्यार कर सकते हो न
मुस्कराया करो, अच्छे लगते हो
बताया नही क्या किसी ने कितने प्यारे लगते हो
अब अकेला मेहसूस करना बंद करो, क्युंकि खुद मे ही पूरे हो तुम
एक सपना टूटा है तो क्या सपने देखना ही बंद कर दोगे
बहुत परेशान हो तुम ये सोचना छोड़ दो
बिना कोशिश हार मानना ठीक नही है
तो दूसरे मे खुद को खोजना छोड़ो
चलो हंसो अब, थोड़ा सा और
खुद को देखो तो सही, कितने प्यारे हो तुम
और अब ऐसे ही रहना क्युंकि अच्छे लग रहे हो तुम
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