उस दिन केवल तुम नहीं माँ,
मेरा बचपन भी तुम्हारे साथ चला गया
मैं भूल गयी मेरी शरारत, नादानी भारी बातें
बेफ़िक्री से हँसता हुआ वो चेहरा तुम्हारे साथ चला गया
उस दिन केवल तुम नहीं माँ,
मेरा बचपन भी तुम्हारे साथ चला गया
तुम्हारे हाथों का वो खाना, भुख ना लगने पे भी खिलाना
वो खाने का स्वाद तुम्हारे साथ चला गया
उस दिन केवल तुम नहीं माँ,
मेरा बचपन भी तुम्हारे साथ चला गया
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