Amrita singh   (Amrita Singh)
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Nectar_like_amrita
Joined 10 June 2020


Nectar_like_amrita
Joined 10 June 2020
9 MAR 2023 AT 16:36

ना तुझे पाने की जिद्द है
ना खोने का कोई इरादा
ये कौन सा एहसास है मुझमें
जो न पूरा है ना आधा ।
ना तेरे होने से गम है
ना दूर होने की कोई खुशी
ये कैसी चाहत है मेरी जो
ना पूरी है ना अधूरी।




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8 SEP 2022 AT 23:07

कहते है जिंदगी रूकती नहीं
किसी के बिना
पर कुछ फरेब जिंदगी भर
याद आते है
यू तो गुजर ही जाता है वक्त
पर कुछ शक्श हमारे टूटे हुए
यकीन की वजह बन जाते है
और जो कभी थे दिल के बेहद
करीब
इस दुनियां की भीड़ में वो फिर
से अजनबी कहलाते है ।

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12 AUG 2022 AT 3:02

तुम्हारी याद मेरे लिए
कुछ इस तरह
सावन में बरसात
हो जिस तरह
आसमान में बादल
हो जिस तरह
सागर को नदी की प्यास
हो इस तरह
और हजारों की भीड़ में भी
बस तुझे नजर भर देखने
की आस हो जिस तरह ।

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11 AUG 2022 AT 3:25

ये मोहब्बते –ए– दस्तान
कुछ यूं अधुरी रही
जैसे धरती से आसमां की
जन्मों जन्मों की दूरी रही
जैसे सूरज से चन्दा की मुलाकात
जो कभी न पूरी हुई
और जैसे दिल में छुपाए हुए थी
मैं हजारों जज़्बात हां माना
चुप रहना ये मेरी मजबूरी
भी रही क्योंकि कुछ
अनकही कहानियां जो खत्म
होना जरूरी भी लगी।

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6 AUG 2022 AT 1:28

वो गुजर गए मेरी राहों से
मुझे देकर बीती यादों की किताब
उन लम्हों को समेटू कैसे
उन यादों को संजोऊं कैसे
जो दिल में फिर जगा देते है
एक नई सी आश ।

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28 JUN 2022 AT 1:49

यदि तुम्हारा अस्तित्व किसी के
जीवन से धुंधला होने लगे

उससे पहले उनसे अलविदा ले
लेना बेहतर है अपने आत्म
सम्मान की रक्षा के लिए ।

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20 JUN 2022 AT 2:05

तेरे साथ बिताए हुए लम्हे
कुछ ऐसे गुजर गए है
जैसे हवा का झोका जो
मुझे छू के निकल गया हो
जैसे पानी की एक बूंद जो
मेरे बदन से बह गईं हो
जैसे मुठ्ठी भर रेत जो मेरे
हाथो से फिसल गईं हो
तेरे साथ बिताए हुए लम्हे
कुछ ऐसे गुजर गए है

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19 JUN 2022 AT 14:55

उसकी ख्वाहिसे अलग थी
जो मेरी सोच से परे थी
उसकी आसमानों को छुने की
चाहत थी
मेरी बस उसके साथ हर लम्हा
जीने में राहत थी।

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17 JUN 2022 AT 19:33

डायरी में मिली वो तस्वीर
कुछ पुरानी सी थी थोड़ी
धुँधली थी पर कुछ अनजानी सी थी ।
ये कह कर मैने बात टाल दिया
लेकिन मेरे दिल के किसी कोने
में वो अब भी पहचानी सी थी
जैसे वो मेरे बीते वक्त की कोई
कहानी थी।
हां वो तस्वीर कुछ पुरानी सी थीं
थोड़ी धुँधली थी पर पहचानी सी थी।

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17 JUN 2022 AT 0:58

उसके इन्तजार की उम्र तो पूरी हुई
फिर भी उसकी दिल –ए–दास्तान
यूं अधूरी रही
की वो सामने तो था पर किसी
और के हाथों में था अब उसका हाथ
और नहीं बता पाई वो अपने
दिल के जस्बात
उन दो लोगों के बीच
एक और जन्म की दूरी हुई
बस इस तरह एक और
मोहब्बत की दास्तान अधूरी रही।

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