दर्द की अपनी ही इक कहानी है....
होठो पर मुस्कराहट और आँखो में पानी है...💔-
क्यों रिश्तो की कीमत तब समझ आती है ...
जब जिंदगी सिर्फ किस्तों की रह जाती है ...
आखिर क्यों???-
जीत जाऊं सबसे यह शौक नहीं है मुझको
बस आने वाले कल को,बीते हुए कल से...
बेहतर बनाना है मुझको,
और दिल की यह हसरत है कुछ ऐसा कर जाऊं....
कि जीते जी ना भी सही,मरने के बाद ....
तो याद आऊं सबको....।।।।।-
और गर रख दो मंदिर में तो भगवान बन जाता है,
फिर वही हमारी आस्था का केन्द् बन जाता है।।-
जिस तरह अधूरा है श्रृंगार बिना बिंदी के ,
उसी तरह अधूरा है हिंदुस्तान बिना हिंदी के!!-
जो आज हमारी हार में मुस्कुराते हैं...
अब जाकर पता चला वह तो हमारी जीत में सिर्फ दिखावे के लिए नाचते हैं,
ए खुदा !!!
मत बना ऐसे रिश्ते जो सिर्फ मतलब के समय दिखते हैं....💔-
पापा!!!!वह शख्सियत जिसे शब्दों में कैसे बयान करूं,
आरजू है बस मेरी इतनी कि कुछ ऐसे काम करू...
जिससे अपने पापा के नाम, इज्जत और मान को थोड़ा और विशाल करूं....-
हार जाती हूं मैं खुद से ही बार-बार,
क्यों नहीं बना पाती मैं खुद को....
दूसरों की तरह हर बार,
दुनिया में भी रहकर खुद के लिए जीना..
क्यों नहीं आता मुझे खुद में ही रहना,
क्यों दूसरों के दुख को अपना समझ लेती हूं....
और क्यों जरा जरा सी बात पर खुलकर हंस लेती हूं, शायद मेरी जिंदगी का यही है फसाना ...
दिल में चाहे हो कितना भी दर्द पर चेहरे से है मुस्कुराना !!!
-
जो कभी मुमकिन ही नहीं,
क्यों फिर तुम उस सफर पर चले हो ..
जिसकी कोई सहर ही नहीं.।।-
उनकी याद आ जाती है ....
वो चाहे आए या न आए पर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है।।।-