किसी ने क्या खूब कहा है....
कोई भ्रम में खुश है
तो उसे भ्रम में ही रहने दो
क्योंकि असलियत अक्सर तोड़ दिया करती है-
खुदको लिखना आसान तो नहीं था
पर लिख लूंगी ये भरोसा था..✨✨
किसी ने क्या खूब कहा है....
कोई भ्रम में खुश है
तो उसे भ्रम में ही रहने दो
क्योंकि असलियत अक्सर तोड़ दिया करती है-
बचपन की तस्वीरे बयां करती है
कोई मंज़िल नहीं थी
पर सफर वो सुहाना था-
ना पाने की कोई कोशिश थी
ना खोने का कोई डर
ना इजहार की जरूरत थी
ना ऐतबार की फ़िक्र
बस उसे देखने की चाहत थी
और उसके होने का सब्र....
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वो याद करे मुझे ...
शायद इतनी खास नहीं थी मै
पर वो भूल जाए मुझे
इतनी आम भी तो नहीं थी मै-
कुछ ख्वाब अधूरे रह जाएंगे
तो कुछ शिकायते रह जाएंगी
ये जिंदगी हे साहब
थोड़ी जीयेंगे तो थोड़ी कट भी जायेगी-
कश्ती भी है सागर भी है
या तो सागर पार कर जाना
या फिर वही ठहर जाना
मर्ज़ी तुम्हारी है....
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काश कुछ ऐसा हो कि
खुदको भूल जाऊ मैं..
काश कुछ ऐसा हो कि
जब उठू नींद से
तो खुद को perfect पाऊ मैं..-