Amrita Lala   (AL)
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Joined 3 March 2022


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5 HOURS AGO

Truth is profound and liberating in its purest form even if it's unflinching and unvarnished it is always worth the pain.

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7 HOURS AGO

कोई फरियाद नहीं करते
रह जाती है कई बार वह रात भी आधी
जब तुम्हे याद नहीं करते
देखते हैं चारों तरफ
किसी तलाश में
बस किसी से ज़िक्र
अपने जज़्बात नहीं करते

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15 HOURS AGO

यह दर्द खत्म हो
मैं आजाद हो जाऊ
क्यों न ऐसे मैं
यूं ही बर्बाद हो जाऊं
आबाद होने की ख्वाहिश में
कई गुमनाम हुए
क्यों न ख़ुद में मैं कोई
पहचान हो जाऊं
किसलिए इतनी कोशिशें
किए जा रहे हैं
दिल कह रहा सब छोड़
मैं अब नाकाम हो जाऊं

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20 OCT AT 14:45

We contain the entire universe. Darkness is not a monster waiting to feast on us,it's a voice inside.Lets drive the darkness away. One who knows the devil, knows the God

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12 OCT AT 20:30

असीम प्रतीक्षा में लीन
जागृत पर सोए कई नींद
प्राणों में प्राण समाने की
किसी क्षण किसी पल के आने की
आतिथ्य सी उदारता लिए
पाषाण किए जा रहे मन को
पीड़ा के अंत की प्रतीक्षा
अभियाचित उस परिणाम को
आँखें गड़ाए अगणित लक्ष्यों पर
व्याकुल आशंकित अधरों पर
सुधा के फुहार की लालसा
गिर रहे सम्भल रहे
उत्कंठा में निर्जल रहे
बनाते उत्तम प्रत्येक यत्न को
करते साधना वह यज्ञ है जो
कर रहा परिष्कृत
हर तत्त्व को
निष्क्रिय एवं गतिमान को

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6 OCT AT 23:14

चुनते हैं सभी क्या ख्वाब
कुछ हक़ीक़त भी लेते हैं चुन
ओढ़ के चलते हैं अपनी धूप
और अपना सावन
कुछ चुनते हैं कोमल रातरानी
कुछ कांटों भरा ग़ुलाब
कुछ चुनते हैं हवा कुछ दुआ
कुछ मिट्टी और संगीत
चुन लेते हैं कुछ खुशबू ,याद
कुछ गहरे भाव उथले अवसाद
जैसे चुना मैने मुझको है
जैसे चुनें हैं यह अल्फ़ाज़
चुना जब तुम्हे मैने
इक कहानी को बुना मैने
चुना आनेवाले कल को
चुना है यह आज
चुनी है हर वह दस्तक
और सामने खड़ी किवाड़

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17 SEP AT 10:06

चाहत को यूं ही लोग बदनाम करते हैं
दो पल की दास्तां अर्से में बयां करते हैं

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10 SEP AT 16:46

You will be always close
Like a secret note tucked
near my heart
a thought admired and plucked
adorned in some poetry or art
Like an ache between ribs
Surging to my head
Like some stain on the lips
painting me red
Like sugared cocoa
bitterly dessert
Like fresh flowers like fossil
thorns that prick
Like the calming drizzle
a string of gold
a thread of silk
stitching together
yet holding us apart

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7 SEP AT 21:11

अब अपना गाँव छोटा लगता है
महुआ आम का वह विशाल बगीचा
जिसमें कटती थी गर्म दुपहरी
बिखरा हुआ लगता है
टहनियों को दीमक जकड़ गई हैं
दूधी पगडंडियां चौड़ी हो गई हैं
और मिट्टी धूल में बदल गई है
आगंतुक के क़दमों की आवाज़
अब गाड़ी के हॉर्न ने ले ली है
वे ताल और जलाशय भी उथले हुए पड़े हैं
कहानियों में जिनकी कभी डूबे रहते थे
वे कहानियां भी कहीं गुम हो गई हैं
यादें वे धागों सी उधन गई हैं
बस एक चांद वही है आज भी
उजले टैबलेट की तरह असमान में घुल रहा है
दादी की कटोरी की याद दिलाता
जैसे चांदनी हथेली में लिए वह
प्रतीक्षा में खड़ा है

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28 AUG AT 14:56

Iam suffering today
I don't want it to end
I'm burning today
I want the fire to wend
to the air to water
to all my quarks and matter
I want to be shred into bits
To be swallowed by rifts
to be outmoded
to be once gone
and then to come as a new
to resurrect like none

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