Treat triumph and disaster
In the same spirit
Learn to lose
and start from the beginning
To feel the joy in dim lights
feel the falls and flights
to get hurt and not lose faith
to be short of air yet breath
Getting immersed and hold
the fire and vehemence untold
Hold your head clear your eyes
appreciate the walk
Destinations are lies-
तुम नाम कोई दे दो मुझको
नाम में आखिर रखा क्या है
मन से मन तक बहने देना
धारा भावनाओं की
प्रत्युत्तर की चाह नहीं
छूकर मांगू यह भाव नहीं
श्रृंगार बन कर सजा देना
रंजक बन परत दर परत
रोम रोम रंगा देना-
बहुत सोच समझ कर चुना था तुम्हे
इतना तो खुद को देखा न था
जितना परखा था तुम्हें
धूप में बारिश में
किसी छांव की ख्वाहिश में
अंतर्मन की कल्पना में
महादेव की वंदना में
वांछित जो चरित्र था
जीवनसाथी था मित्र था
मेरे उड़ानों में उड़े जो संग बादल बन
मेरी आँखों में भर जाए जो काजल बन
मैं चंचल तुम सौम्य चित्त
मैं अविरल तुम अविचलित
हम भिन्न हो कर भी मिल गए
एक दूजे से सिल गए
स्वार्थसाधन का मायाजाल चल गया
एक सिरा जुड़ कर दूजा धुल गया
तुम कहीं मैं कहीं जीते रहे
सब्र आंखों के बिछौने में समेटते रहे
इक उम्मीद में की वो शाम होगी
किनारा समंदर का वही खाली नाव होगी
जिसकी ओट में बैठे थे कभी
दोबारा वहीं कहानी शुरू होगी
तबतक संभाल के रखना तुम
मेरी आशाओं का ख्याल रखना तुम
मैं दूर होकर भी वही रहूंगी
ओझल हो कर भी संग चलूंगी-
कितने सुंदर होते हैं वे शब्द
यथार्थ और स्वप्न को जोड़ते
अपेक्षाओं की ओर अनायास मोड़ते
उद्गम की निर्झरी से निर्मल
क्षणों की परिधि को तोड़ते
फिर वह भी होते हैं
जो दिखाते हैं संकरे रास्ते
निरुद्ध अवस्था में
ठहरे हुए प्राणों को जो
प्रवाह देते धमनियों का
और वह जो ले जाते हैं
सबसे दूर रसातल में
गुरुत्वाकर्षण से परे
विलक्षित दिशाओं में
सम्मुख कराते हैं अपनी चेतना से-
strength of expression
meeting tenderness of feelings
When feathers meet the wind
beauty meets the sight
Night meets the sunshine bright
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तुम जहां से चले हो
एक दिन पहुँच जाओगे वहीं
चप्पा चप्पा छान
जोड़ा है जो
सर्वस्व लौटाओगें यहीं
न विज्ञान न भूगोल
न शास्त्र कोई संग होगा
स्मृतियों से जुड़े
इतिहास का ही रंग होगा
और होंगे पदचिन्ह तुम्हारे
क्षीण हल्के तैरते हुए
कोई बिजली तब कौंधेगी
बारिशों में मिट्टी गूंधेगी
अनल वायु और नभ
माया सृजन की घोलेंगी
तुम फिर खोज में जुट जाओगे
ईंटे पत्थर से भरमाओगे
तुम स्वयं खो जाओगे
फिर वहीं पहुँच जाओगे-
Be your home, temple, playground
and battlefield.
Be a walking revolution
Don't think you can make
everyone around comfortable.-
Everything that has happened and that's about to happen in your life is a thought and the thought can be changed!
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आज उसने पूछा कौन हूं मैं
झल्लाई सी आवाज में
हल्के गुस्से भरे अंदाज में
मैं चुप रही कुछ बोली नहीं
किसी जवाब की तलाश में
होठों पे चुप्पी साधी रही
असमंजस मिटाने की आस में
फिर अचानक कुछ सोच कर
आसमान से बादल उतर आए
पलकों के सागर यूं ही उमड़ आए
उस सागर के पानी का नमक हो तुम
उस चुप्पी में गूंजती खनक हो तुम
तुम कुछ नहीं हो पर बहुत हो
प्यार में भीगा मेरा पहला खत हो
किसी से बराबरी तुम्हारी हो नहीं सकती
मैं दूर हो कर भी तुम्हें खो नहीं सकती
तुम्हारे साथ में हो जाती हूं लापता
किस गली कौन सड़क मुझे क्या पता
मुझे क्या पता तुम कौन हो मैं कौन हूँ
शायद तुम मेरे और मैं तुम्हारा मौन हूँ
कहने सुनने को बहुत हैं दुनिया भर में
तुम अकेलापन हो मेरे मन का
परिचय हो मेरे खालीपन का
तुम मेरे और मैं तुम्हारा सुकून हूँ
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आमों से बोझिल डालों में
कुछ मेरे पसंद सा स्वाद रखना
नैसर्गिक धानी पगडंडियों को
पंछियों की उन्मत्त उड़ान को
कभी मेरी और मोड़ देना
गर्मी में हल्की बारिश
सर्दियों में नर्म धूप
मेरे आंगन में अनायास छोड़ देना
कभी जब शोर से घिरा हो मन
कुछ लहरें मेरी ओर भेज देना तुम
कुछ दोस्तों की बातें
और जागती अनगिनत रातें
हसरतें और करवटें
जीत और मात जीवन की मीठी सौगात
ले जाने देना अपने साथ
दे देना समझ कर आशीष
आंचल में यह गांठ रखूंगी
गमलों में मिट्टी साथ रखूंगी
और रखूंगी अटूट विश्वाश
सुयश शुभ सौभाग्य रखना
सफरनामा मेरा याद रखना
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