17 AUG 2017 AT 10:40

ऐ गुमनाम अज़नबी, आपका हर लफ़्ज़ मेरी सर आँखों पे है,
मैं इतनी भी ख़ूबसूरत नही, ज़ितनी ख़ूबसूरती आपकी निग़ाहों में है!!!

- अमृता