ऐ गुमनाम अज़नबी, आपका हर लफ़्ज़ मेरी सर आँखों पे है,मैं इतनी भी ख़ूबसूरत नही, ज़ितनी ख़ूबसूरती आपकी निग़ाहों में है!!! - अमृता
ऐ गुमनाम अज़नबी, आपका हर लफ़्ज़ मेरी सर आँखों पे है,मैं इतनी भी ख़ूबसूरत नही, ज़ितनी ख़ूबसूरती आपकी निग़ाहों में है!!!
- अमृता