इससे बेहतर तो था ज़हर ही दे देता मुझे,
ये तूने अच्छा नहीं किया इश्क़ को मेरा घर बताकर !!-
ਮੈਂ ਤੇਰੀ ਕਲਮ ਹਾਂ ਤਾਂ ਸਮਝਾਵਾਂ, ਦੇਖੀਂ ਦਿਲ ਤੇ ਲੈਜੀਂ ਨਾ !!
ਤੂੰ ਹੱਦੋਂ ਵੱਧ ਸਿਆਣਾ ਐਂ ਅੰਮ੍ਰਿਤ, ਕਿਤੇ ਕੱਲਾ ਰਹਿਜੀਂ ਨਾ !!
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ये लिखत नहीं है ज़िन्दगी उसकी, जो ज़िन्दगी से हार रही है !!
मैं जानता हूं किस मायूसी में, वो पगली ये दिन गुज़ार रही है !!
कोई और नहीं उसके अपने ही हैं, 'सीगत' जो उसको दबा रहे हैं !!
कहीं मर्ज़ी से ना जीय ले वो , बेमतलब ज़िम्मेदारियां बढ़ा रहे हैं !!
क्या हुआ अगर वो लड़की है, हक उसको भी तो जीने का है !!
सब खुवाब पूरे करके अपने, गुमान उसको भी तो पीने का है !!
कुछ तो है उसकी आंखों में, जो चमक चमककर कुछ कहता है !!
शायद वो है कोई सपना उसका, जो अभी मरा नहीं वहां रहता है !!
तूं 'गर मंजिले पाना चाहता है, कुछ रिश्तों को कर ख्फा यारा !!
हर बार नहीं सब खुश होते, और हर बार नहीं होता नफा यारा !!
खुदा उसका ही सदा साथ देता, जो कुछ हिम्मत खुद भी करते हैं !!
नहीं एक बात मेरी याद रखना तुम, डरने वाले ही अक्सर मरते हैं !!-
सबब बना ही नहीं कि गौर से देखूं उन्हें 'सीगत',
पर हमें शक है डिंपल पड़ता है उनके दाएं रुखसार पर !!-
ਭੁੱਖੀ ਸੌਵੇਂ ਨਾ ਔਲਾਦ ਰੱਬਾ,
ਮਾਪਾ ਇੰਨਾ ਨਾ ਗਰੀਬ ਹੋਵੇ !!
ਮਿਹਰ ਕਰੀਂ ਹਰ ਗੁੱਟ ਨੂੰ,
ਇੱਕ ਰੱਖੜੀ ਨਸੀਬ ਹੋਵੇ !!-
तुम कैसे भूल सकते हो कुदरत के कर्ज़ दोस्तो !!
कभी अपने भी निभाओ ना तुम फर्ज़ दोस्तो !!
तरक्की बोलते हो जिसे तुम वो है कुआं मौत का,
सब कुछ जानकर भी बनो ना खुदगर्ज दोस्तो !!
कैसा इंसान है बीमारियों को खुदे जन्मता है जो,
फिर बाद में वही ढूंडता है दवा ए मर्ज दोस्तो !!
जानते हो ना ज़िन्दगी में क्या माईयने रखती है,
वही मां सी ही कुदरत की भी है तर्ज दोस्तो !!
हद्द में रहकर जीय ज़िन्दगी बाकी जूनियो सी तूं,
हमे कुदरत से है ना उसे है हमसे कोई गर्ज दोस्तो !!
कुछ बो दे 'सीगत' ऐसा जो आगे चलकर काट सके,
वरना इतिहास में सिकंदर से भी हैं दर्ज दोस्तो !!-