आसमानों पर
हो जाते हैं पैदा
पल बढ़ जाते हैं
लिख पढ़ लेते हैं
किसी न किसी तरह
ले बैठते हैं इश्क़
हो रहते हैं नाकाम
कर जाते हैं डिग्री
किसी न किसी तरह
ढूंढ लेते हैं जॉब
बन बैठते हैं जोड़े
٠٠٠। ! इसरिद बाबर !
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घणों मुंगो होवे भाया
जिंदगी रो क़िरदार टैम टैम
माथे सगला रो मोल भाव बढ़ जावे.....!
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मैं नही जानता कि तुम मेरे लिए क्या हो
बस इतना समझ जाओ
मैं डूब जाऊं जिन ख्यालों में
ख्यालों की एक वजह हो तुम-
जब दूसरों से उम्मीदें कम हो जाती हैं
तो
तकलीफ़ भी कम हो जाती हैं-
कि समय हीं ना हो उनके पास
तो क्यों पूछते हो कैसे हो आप ?.
हर बार सोचते हैं
आज कहें उनसे कुछ Dil ❤️ की बात
वो हर बार कह देते है.
कुछ काम हैं आज
कल करें बात..........
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एक वक्त था.... जब हमारे हिस्से में वक्त था
लेकिन
आज हमारा वक्त गैरों में बट गया
हमारे हिस्से...... सिर्फ बहाने आए
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Maine Chaaha tha ki zakhm bhar jayein
Lekin
Jakhm hi jakhm bhar gaye mujh mein
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एक तुम ही तो हो
जिसे कुछ भी कहने से पहले
मुझे सोचना नहीं पड़ता-
रहने दो अपनी
जुल्फों को
यहीं अपने चेहरे
पर
यह चांद बादलों
में हसीन लगता है-
जिन्दगी को कभी तो खुला छोड़ दो
जीने के लिए
बहुत संभाल के रखी चीज़
वक्त पर नही मिलती
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