Amrit Lal   (amritlal070)
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Joined 2 January 2019


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1 MAY 2022 AT 10:07

यह हमने माना हमारी मजबूरी हैं,
सीखो उनसे जिसने मजदूर बनाया हमें,
हर एक सांस का महत्व ज्ञान से पता चलता,
हमारा जीवन सांसों के बेकद्री में निकल जाता है।


हर दिन दौड़ भाग,
शरीर की कद काठी से बलवान,
पर अपने अधिकारों से अनजान,
फिर भी सेवा हम देते हैं,
हम खुद से ज्यादा दूसरों को अपना मालिक समझते हैं।

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4 JUL 2021 AT 7:20

आत्म-अभिमान सब को चाइए,,,हम,,,
आत्म -परावर्तन के गोचर हैं।

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26 SEP 2020 AT 22:47

नहीं!
एक हाथ में चाय,
एक हाथ में समस्या लेने लग गए।

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27 AUG 2020 AT 22:05

में तुमसे दूर जरूर हूं, नजर से ,दिल से नहीं।,,,मेरी किताबों😘😘

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1 AUG 2020 AT 23:00

बंद रहता है,फिर भी एक आशा की किरण हमेशा उसमे होती है,,,जो सब को जीता देती है।

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30 JUL 2020 AT 0:48

कभी तुम हमारी जान था,
आज हम तुमसे अनजान है।

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30 JUL 2020 AT 0:45

कइयों के दिलों में ,
किसी के ब्लॉक में बैठे है,,हम😊😘😊

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3 JUL 2021 AT 22:34

मुलाकातों का इंतजार तो कर,
रात नजरंदाज को भी जुगुन सा रोशन तो कर,

रात तेरे चांदनी में छुपी बात का इजहार तो कर,
रात ख्यालों के बात में त्नाही का राग तो कर,

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3 JUL 2021 AT 16:37

रंजीशे हुई कहा,
वह अभी मिली कहा,

ख्यालों के पुलाव बने है,
टीस से भरी दुनिया यथा,

मिजाज की बात निराली,
खटक जाती हे,अनकही बातें,

लफ्जों के फेर में,
खामोशी भी हां कर जाती हे,

मलाल है,,,,,

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30 JUN 2021 AT 16:00

उन अनजान रिश्तो में जो
एहसास है,पर तलाश में नहीं,

जन्हा दुनिया का सुखून का शौक
रख सकते पर,पा नही सकते,

गुम हो जाना उसके लिए,
ख्वाब हंसते रहते हैं,तेरे में,

ये जग की कातिलाना मुस्कराहट,
जो जग की रुसवाई में तन्हाई है,

गुम हो गए हम तेरे
इश्क की तलाश में,,

खुद की तलाश कहा,
उसके सिल्की केशो में,

हर रोज तमन्ना फिक्र में रहती,
पर छूटन में कहा मिल पाती हैं,



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