Amrit Chaudhary   (Amrit chaudhary)
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Joined 18 July 2018


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Joined 18 July 2018
26 JUL 2020 AT 22:30

जो होना है वो होगा ही तू चाह कर भी रोक न पाएगा।
इतना क्यों घबराये रे मनवा जो होगा देखा जाएगा।

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21 APR 2020 AT 23:47

कोरोणा चालीसा

हे कोरोना महाराज, हम सब को माफ करो
सवामी हम सब को माफ करो।
जिस जिस ने तुम्हे कष्ट दिया है।
जिस जिस ने तुम्हे कष्ट दिया है।
बस उनको साफ करो हम सब को माफ करो।
महाराज हम सब को माफ करो।
सवामी हम सब को माफ करो।
जब से तुम हो आए वो महाराज जब से तुम हो आए।
सब डरे डरे है रैहते वो सब डरे डरे है रैहते।
घर से बाहर कॉरोना घर से बाहर कोरॉना बस सब यही है कैहते।
वो सब बहुत डरे डरे है रैहते, हे कारोना महाराज हे कोरोना महाराज।
हे कोरोना महाराज, हम सब को माफ करो
सवामी हम सब को माफ करो।
जिस जिस ने तुम्हे कष्ट दिया है।
जिस जिस ने तुम्हे कष्ट दिया है।
बस उनको साफ करो हम सब को माफ करो।
महाराज हम सब को माफ करो।
सवामी हम सब को माफ करो।

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23 MAR 2020 AT 15:45

Coronavirus
सुन ले ओ मानवता के मूरत।
देख अपने तू अपनो कि सूरत।
करले तू कुछ ऎसे काम।
घर पे बैठ कर कर अराम।

जो प्रधान सेवक ने कहा है
वैसे ही वाइरस आपा खो रहा है।
जरूरी है उसको नाकाम करना।
अगर चाहता है अपने और
अपनो की जान ना झोखम में धरना।

इसलिए प्रधान सेवक के कंधे से कंधा मिलाकर।
लड़ले इस से तू हिम्मत दिखाकर।
कुछ दिन की है यह बस महामारी।
एक दिन खत्म हो जाएगी यह बीमारी।

जब तक तू ध्यान करले उस ईश्वर का ध्यान कर ले।
जिसने तुझ को मुझको बनाया।
धरती को पेड़, पौधो जानवरो और सितारों से सजाया।

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28 FEB 2020 AT 16:22


ये कैसे नारे है यारो, जिसने मुझे अन्दर से है तोड़ दिया।
दिखा के भविष्य हिंदुस्तान का, जिसने मुझे अन्दर से है झंझोर दिया।
क्या सच में होगा भविष्य येसा, जो ये दंगे दिखलाते है।
दिल में आके ये दृश्य मुझे अन्दर तक डराते है।

सुनो यारो ये दंगे बहुत कोहराम मचाते है
गुनहेगारो के साथ साथ ये बेगुनाहों कोभी जलाते है
पैहचानो उन लोगो को जो दंगे करवाते है
हम ही मूर्ख है जो उनकी बातो में आ जाते है

अब और नहीं देख सकता मैं अपने हिंदुस्तान को टूट ते हुए।
सैकड़ों लाशों के साथ मानवता के दियो को बुझते हुए।
होता है दर्द मुझे भी मेरे इस दर्द को कैन मिटाएगा।
टूटते हुए इस धरती को आखिर कौन फिर बचाएगा।

सुनो मत लरो आपस में हम सब भाई है।
लर ना है तो उनसे लरो जिसने ये आग लगाई है।
समझो इसके जिमेदार है केवल वही सभी।
तुम सब को आपस में लरवाने में जिन्होंने नहीं रखी कोई कमी।

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21 FEB 2020 AT 14:04

शिव-शिव जपना शिव-शिव कहना।
शिव ही काम तेरे आएगा।
जब-जब कष्ट में रहेगा तू।
तब-तब शिव ही कष्ट मिटाएगा।

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2 FEB 2020 AT 13:58

A true friend is one who always
stands by you in your problems.
Not the one who only stays with
you for fun.

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17 JAN 2020 AT 10:41

निर्भया - अमृत चौधरी
अब शर्म करो, अब शर्म करो , अब शर्म करो
आखिर कब तक तुम उनको बचाओ गे।
साफ साफ कैह दो ना अगर तुम, नहीं उन्हें फांसी दे पाओगे गे।
तारीख पे तारीख देके, हम में क्यों तुम विश्वाश जगाते हो।
ना होगा अपराध छमा, झूठी तसल्ली दिलाते हो।

साफ साफ दिखता है साफ साफ दिखता है की, कानून ये पूरी अंधी है।
जिसने बार बार गुनहगारो के फांसी पर लगा दि पाबंदी है।
जिसने ये अपराध किया उस एक दरिंदे को है छोड दिया।
अरे रैहम उस पर किस बात की,जिसने मुझ पर बिल्कुल नहीं है रैहम किया।
तूने ये सब कर के , गुनहेगारों का मन बढ़ाया है।
इस देश कि बेटियों का सर, तूने शर्म से झुकाया है।

मेरी बैहनो सुनो ,मेरी बैहनो सुनो, मेरी बैहनो सुनो
इन सब से कुछ नहीं होगा, अब तुम सब ही मिल कर परहार करो।
धर के रूप मा चंडी का, महिसा सुर का संहार करो।
मेरा विश्वास इस कानून पर से, तुम सब ने ही उठाया है।
एक मां की सूखी हुई आंसू देख के, भी तुम्हें बिल्कुल शर्म नहीं आया है।

अब शर्म आ रही है,अब शर्म आ रही है,अब शर्म
आ रही है ये सोच के, हम किस देश के निवासी है।
जहा येसी दरिंदगी पे भी, नहीं मिलती जल्दी फांसी है।
अरे बंद करो अरे
बंद करो राजनिती, दुनिया है सब कुछ देख रही।
थू थू कर के तुम सब के, मुंह पर है दुनिया थूक फेक रही।

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30 DEC 2019 AT 1:46

कैसे सुन के मैं रैह जाऊ,
इन देश विरोधी नारों को।
दिल में उटता है दर्द मेरे,
सुन के इन ललकारो को।

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28 DEC 2019 AT 18:01

इतना पढ़ लिख ने के बाद
मुझ को इतना ज्ञान है
होते होंगे भगवान दुनिया में
पर मेरे लिए मेरे पापा, मम्मी ही भगवान है

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26 DEC 2019 AT 17:20

तू ही वह है जो हरदम मुझ में छाई रहती है।
गैरों की टोली में जो मुझको अपना कहती है।
अपनो से बढ़ कर है तू इसलिए मै तुझसे लड़ता हूं।
क्या तुझे पता है जान मेरी कि मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं।

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