Aमन   (Aman)
35 Followers · 6 Following

•हर हर महादेव ❤️🕉️
Joined 9 July 2020


•हर हर महादेव ❤️🕉️
Joined 9 July 2020
1 FEB 2022 AT 15:07

अभी हमे इश्क कहाँ,अभी तो जिन्दगी बाकी बहोत हैं
अभी हमे निंद कहाँ,अभी तो ख्वाब बाकी बहोत हैं

धीरे-धीरे सीख रहे हैं जिन्दगी से हर रोज मरना
पर लगता है, अभी भी काम बाकी बहोत हैं

हर रोज़ जो कर रहे है सलाह मशविरा खुदसे
अभी खुद को जानना बाकी बहोत हैं

-


2 NOV 2021 AT 9:51

Pareshani ban bethe the ham un logo ke liye,
Jinhe kabhi ham pareshan nahi dekh skte the

-


19 SEP 2021 AT 3:47

उम्र कि बेढीयो मे जब खुदको बँधा पाया,
वो बेटा खुब रोया..
जब माँ की दवा ना करा पाया.!!
माँ के आंसू देख,बेटा दर-दर भटकता रहा
पर शाम ओ आखिर,बेटा दो पैसे न जुटा पाया
माँ कराह रही थी रात से,बेटा सह न पाया
फिर शाम ओ आखिर, बेटा अपना जिस्म बेच आया
पर देखा जब माँ को खटिया पर बेजान एक बदन की तरह
बेटा चित्त पड़ गया ,ठीक से माँ भी न कह पाया

-


4 SEP 2021 AT 17:20

वो पिंजरा ही पंछि का असास होता है,
जब आसमां में उतरता है,
तो बिचारे को अहसास होता है ...
एक मुद्दत से आता है जब बच्चा माँ के आँचल में,
जमाने कि बाते याद कर,बेहिसाब रोता है

-


14 JUL 2021 AT 20:29

Mahobbat hai agar, ham kahi bhi ho kya farak padta hai
Ahasas ho ishq ka agar, jism ho na ho kya farak padta hai

Aashiq ho ishq me barbad agar, tab bhi wo ishq ka kar ada karta hai
Chahe lada ho Lakho baar usse, Lakho baar bichhadne se harz magar karta hai

-


5 APR 2021 AT 16:39

इस राह वो मुसाफिर लौट क्यों नहीं आता
यार,मैं जैसा हूँ वैसा सबको पसन्द क्यों नहीं आता

शाख से पत्ते झड चूके, अब दरख्त से अवादत क्या करे
यार,ये ख़ुदा को सावन का ख्याल क्यों नहीं आता

एक दरख्त पे जो इश्क कूरेदा था हमने
यार,वो उस दरख्त कि छाह में क्यों नहीं आता

वो जिसने सिखाया था,लिखने का लहजा हमे
यार,अब वो मेरे लहजे में क्यों नहीं आता

कुछ हंसीन मुसकान और इनकी चुप्पीया भर को
यार,ये इंसान,इंसान को समझ क्यों नहीं आता

-


10 FEB 2021 AT 8:51

You can skip the person not the memories..

-


21 DEC 2020 AT 10:51

‘’हार’’
क्यू रखते हो आस मुझसे मैं खुद ही हार बेठा हूँ
रोज़ सिसकती है उम्मीदे मैं फिर भी कुछ हँस लेता हूँ
पर उन सिसकती उम्मीदों में अश्क़ कुछ रह जाते है
अश्क़ जो रह जाते है वो भी बहा देता हूँ
क्यू रखते हो आस मुझसे मैं खुद ही हार बेठा हूँ (2)
नसीहत देते लोगों को सब बताना चाहता हूँ
बाते जो मन के पार जाती उन्हें जताना चाहता हूँ
पर अंत मे..
मैं खुद को खुद से ये सलाह देता हूँ
वो मन की बाते मन में हि छीपा लेता हूँ..!!

पर ऐसे रोकर चलना मेरी तो आदत नही..
किसिसे दर्द बाट लूँ इतनी मेरी तो हिमाक़त नही..
अरे इन मुस्कुराते चेहरों में तो बहूत प्यार बसता है...
अब इन मुस्कुराते चेहरों को रुलाने की मेरी तो आदत नहीं..!!
फिर कोई पूछता है तो
हाल अपना ठीक बता देता हूँ
अब उन्हें कैसे बताऊँ मैं खुद ही हार बेठा हूँ(२)
माँ के बड़े सपनो को कंधो पर लेकर चलता हूँ
अब उन्हें कैसे बताऊँ मैं खुद ही हार बेठा हूँ(2)


-


13 DEC 2020 AT 18:27

And your karma is a driver 🙂❣️

-


13 DEC 2020 AT 9:02

The word is always be
Hindustan🇮🇳❤️🙏🏻

-


Fetching Aमन Quotes