कोई नही अपना सब है पराए
पता नही कौन कब कैसे छोड़ कर चला जाए-
अमन अजनबी
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Joined 12 July 2020
22 OCT 2021 AT 22:30
जो कल तक रहते थे साथ मे आज टुकड़ो पे गैर के दौलत क्या मिली लहेजे बदल गए
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27 JUL 2021 AT 22:06
जख्म को दवा
दवा को गुलज़ार कहा
दिल के हाथों बेवस थे कि
कातिल को भी दिलदार कहा-
12 JUL 2021 AT 23:06
किसी को बदनाम करना कितना आसान होता है लोग सुनते है बाते छुप छुप कर और कहते है दिवार को भी कान होता है
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19 MAR 2021 AT 9:10
समय अब शेष नही किसी को आजमाने के लिए
अकेला ही कॉफी हु इस जमाने के लिए
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13 MAR 2021 AT 17:44
जब कोई पुराना यार मिल जाये तो रोना न छुटे
सब छूट जाए पर ये याराना न छुटे-
9 MAR 2021 AT 22:22
अभी तो सुरुआत की सुबह है जरा शाम होने दो जान जाओगे हम कौन है बस जरा स बदनाम होने दो
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5 MAR 2021 AT 20:16
हमने सबसे बात न करने का बहुत गजब का तरीका ढूढ लिया बस मांगे थोड़े पैसे और सब ने बात करना छोड़ दिया
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28 FEB 2021 AT 21:05
ये महेफिल ही समझदारों की जमी पर रहकर आसमान बने बैठे है जानते सब है यह सब फिर भी अनजान बने बैठे है
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