क्यूँ चाहिए तुम्हेंतोहफा गुलाब का---कोई तुम्हारे हक मेंदुआ पढ़े---ये कुछकम तो नहीं! -
क्यूँ चाहिए तुम्हेंतोहफा गुलाब का---कोई तुम्हारे हक मेंदुआ पढ़े---ये कुछकम तो नहीं!
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अपनी बात मनवाने कासबसे बेहतर पैंतरा थापापा का---'बात कहाँ सुनते हो तुम'आज भी मैं अपने पापा काआज्ञाकारी बेटा हूँ परकहने वाले पापा नहीं रहे-- -
अपनी बात मनवाने कासबसे बेहतर पैंतरा थापापा का---'बात कहाँ सुनते हो तुम'आज भी मैं अपने पापा काआज्ञाकारी बेटा हूँ परकहने वाले पापा नहीं रहे--
कुछ था जो लब पर आकर ठहर-सा गया हैअलविदा कैसे कहें ये लम्हा थम-सा गया है -
कुछ था जो लब पर आकर ठहर-सा गया हैअलविदा कैसे कहें ये लम्हा थम-सा गया है
ये जिंदगी की जादूगरी नहीं तो और क्या है कि जिंदगी जी ही नहीं और जिंदगी बीत गयी -
ये जिंदगी की जादूगरी नहीं तो और क्या है कि जिंदगी जी ही नहीं और जिंदगी बीत गयी
देश के प्रति सबकीअपनी-अपनीसेवाएं हैं---कुछ (सैनिक)अपनीजान लुटा करपूरी करते हैंऔर कुछ जिंदगी भरउस सेवा कीकीमत चुका कर -
देश के प्रति सबकीअपनी-अपनीसेवाएं हैं---कुछ (सैनिक)अपनीजान लुटा करपूरी करते हैंऔर कुछ जिंदगी भरउस सेवा कीकीमत चुका कर
रिश्ते फूल जैसेहोते हैं नाजुक---कोई भी जबचाहे तोड़ दे---रिश्तों को बनाइयेडालियों जैसा--जो नम्रता सेझुक तो जायेंलेकिन किसी केतोड़ने से भीटूटे नहीं--- -
रिश्ते फूल जैसेहोते हैं नाजुक---कोई भी जबचाहे तोड़ दे---रिश्तों को बनाइयेडालियों जैसा--जो नम्रता सेझुक तो जायेंलेकिन किसी केतोड़ने से भीटूटे नहीं---
शब्दों की छुरियाँचलाने से पहले हम ज़रा भी नहीं सोचतेकि हम किसकोना भरने वालेघाव दे रहे हैं----किसकी हत्याकर रहे हैं---कहीं वो अपने तो नहींकिसी के सपने तो नहीं--- -
शब्दों की छुरियाँचलाने से पहले हम ज़रा भी नहीं सोचतेकि हम किसकोना भरने वालेघाव दे रहे हैं----किसकी हत्याकर रहे हैं---कहीं वो अपने तो नहींकिसी के सपने तो नहीं---
तुम्हारे नैन-नक्श सुंदर हैतुम बुद्धिमान होतुम पढ़ी लिखी होतुम ऊँचे कुल की होतुम सभ्य, सुशील होतुम अपने पैरों पर खड़ी हो-----पर, मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता---क्यों आखिर क्याकमी है मुझमें? तुम्म--तुम्हारारंग सांवला है-- -
तुम्हारे नैन-नक्श सुंदर हैतुम बुद्धिमान होतुम पढ़ी लिखी होतुम ऊँचे कुल की होतुम सभ्य, सुशील होतुम अपने पैरों पर खड़ी हो-----पर, मैं तुमसे शादी नहीं कर सकता---क्यों आखिर क्याकमी है मुझमें? तुम्म--तुम्हारारंग सांवला है--
जब किसी कृति कोनहीं मिलतीस्वीकृति---रोते हैं शब्दअपने नसीब परअर्थो की उठजाती है अर्थीघुटने लगती हैसांस लेखनी की---और फिर कोई कवितापन्नों के आगोश मेंअपना दम तोड़ देती हैसोचते हैं हम क्या यही मृत्यु है? -
जब किसी कृति कोनहीं मिलतीस्वीकृति---रोते हैं शब्दअपने नसीब परअर्थो की उठजाती है अर्थीघुटने लगती हैसांस लेखनी की---और फिर कोई कवितापन्नों के आगोश मेंअपना दम तोड़ देती हैसोचते हैं हम क्या यही मृत्यु है?
तुम्हारा यूँ रूठ कर जानामुझे अब भी याद हैदूर तक पीछा करती तेरामेरी नज़र याद है -
तुम्हारा यूँ रूठ कर जानामुझे अब भी याद हैदूर तक पीछा करती तेरामेरी नज़र याद है