खुशीयां रास नहीं आती हैं मुझको
पल पल बेचैन होना,,,
मन का धीर खोना,,,
ये बेचैनी अब भाती है मुझको,,,
खुशीयां रास नहीं आती हैं मुझको ।।
जब भी चाहा कि समेंट कर रख लूं,,,
इन खुशीयों को अपने पास में,,,
तब ग़म की आंधीयां आकर लुभाती हैं मुझको,,,
क्यूंकि खुशीयां रास नहीं आती हैं मुझको ।।
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Tagline of my life is "SOMETHING is always better than NOTHING"..... read more
ABOVE and BEYOND
My DEVOTION for you is PURE and PIOUS,,,
It is ABOVE and BEYOND from any kind of PHYSICAL TOUCH...
My FEELINGS for you can not be explained through the WORDS,,,
They are ABOVE and BEYOND from this materialistic WORLD...
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HOLDING FEELINGS
When I will be unable to HOLD
What I HOLD for you in my HEART,,,
Then I will say all in the FLOW
Without any BUT and PAUSE.....
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मेरे घर के बड़े !
मेरे घर के बड़े हमेशा बने रहें,,,
संग सदा मेरे खड़े रहें ।।
निश्छल प्रेम की हैं ये मूरत प्रीत है इनकी सच्ची,,,
हर पल ऐसे दुलारते हैं मुझे जैसे हूं मैं छोटी बच्ची ।।
इनके होते न मुझे लगता उम्र में हूं मैं ज़्यादा,,,
बैठ इनके पास जब बतलाऊ तो दुख हो जाएं आधा ।।
विशाल पर्वत की तरह ये सदा डटे रहें,,,
मेरे घर के बड़े हमेशा बने रहें ।।
जब होती मैं इनके संग याद आता सुनहरा बचपन,,,
ठहाकों और हंसीे की गुंज से चहक उठता घर का हर कण ।।
हैरान होती हूं इस बात पे कि कभी हम भी नटखट बच्चे थे
इनको देख कर मेरे अन्दर जाग जाता फिर से वही नटखटपन ।।
मेरे जीवन के हर संकट में मेरे साथ अड़े रहे,,,
मेरे घर के बड़े हमेशा बने रहें ।।
चाहे कितनी दूर रहूं पर इनकी दुआएं होती मेरे पास,,,
इनके होने से ना मुझे होता अपनी बढ़ती उम्र का एहसास ।।
मेरे दुख दर्दों से ये हर पल लड़े रहें,,,
मेरे घर के बड़े हमेशा बने रहें ।।
जब भी जाऊं इनके सामने दें ये स्नेह संग आशीष,,,
इनके प्यार की दुनिया में नहीं कर सकती कोई भी चीज़ रीस ।।
आज भी जब थक जाती हूं जीवन की इस भाग दौड़ से,,,
मन करता जाकर छुप जाऊं वापस उनकी गोद में ।।
बरगद के मज़बूत वृक्ष की तरह घर के आंगन में सदैव खड़े रहें,,,
मेरे घर के बड़े हमेशा बने रहें ।।-
सब कह रहें हैं आज मां का दिन है,,,
ऐसा कौन सा दिन है जो मां के बिन है ।।
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Sometimes i feel ennui so much in
my heart that it scattered on my face...
And even if i don't want it to appear
but still it embrace...
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Fighting a battle between my expectations and reality is labour for me...
And after that fighting with my inner self daily is also a very hard labour...
So Happy Labour Day to Me and All of us...-