ऐ नॉकरी हम तेरे तो हो गए ,
पर होली सा मेरे जीवन के रंग भी खो गए।-
मुझ एक को चाहने वाले हजारों मीले पर मैं उस एक की चाहत में मरता रहा ।
कल बताउंगा उसे अपने दिल का हाल ये वादा हर रोज खुद से मैं करता रहा।
पिछले साल ही ब्याह रचाई है उसने और मैं खड़ा दूर तक उसके बरात को तकता रहा😏-
जीं रहे हैं तेरे शर्तों के मुताबिक एये जिंदगी..
दौर आएगा कभी हमारी फरमाइशों का भी....-
पानी ना हो तो दरिया किस काम की..
आँसू ना हो तो अँखियाँ किस काम की..-
आज मेरी बहनों की ख्वाहिशें अधूरी रह गयी..
चंद पैसे कमाने में मेरी कलाई सूनी रह गयी...
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चीते की चाल बाज की नजर..
और स्टूडेंट के पढ़ाई पर सन्देह नहीं करते..
कभी भी टॉप कर सकता है
बस बीच में मस्तानी नहीं आनी चाहिए।-
हर हद से निकल जो गांव गांव चली,
कुछ यादें मेरे संग पावं पावं चली...
सफर धूप का किया तो ये तजुर्बा हुआ
वो जिन्दगी ही क्या जो छावँ छाँव चली...-
शख्त हाथों से भी छूट जाती है
कभी कभी उंगलिया...
रिश्ते जोर से नहीं
तमीज़ से निभाये जाते हैं।..-